Bharat Bandh : लाठी, गोली और जेल से किसानों की जायज मांगों को दबाना नामुमकिन
जनज्वार। किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बन्द के आह्वान पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर किसानों की मांगों के प्रति अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी।
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मैदागिन स्थित कम्पनी गार्डेन के सामने सड़क पर एकत्रित होकर जुलूस निकालने का प्रयास के रहे नेताओं को पुलिस ने गिफ्तार कर लिया। गिरफ्तार नेताओं को पुलिस कोतवाली थाने ले गई। गिरफ्तार नेताओं में प्रमुख रूप से पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रांतीय सचिव डॉ हीरालाल यादव, समाजवादी नेता कुंवर सुरेश सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रांतीय सचिव राकेश पाठक, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मो. आरिफ, बैंककर्मी यूनियन के नेता शिवनाथ यादव, माकपा के जिला सचिव नंदलाल पटेल समेत कई लोग शामिल रहे।
आज 8 दिसंबर की सुबह अपने पूर्व घोषित ऐलान के मुताबिक मैदागिन स्थित टाउन हॉल के समीप ये सभी नेता जैसे ही जुलूस की शक्ल में किसानों की मांगों के समर्थन में नारे लगाते आगे बढ़े तो पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें हिरासत में ले लिया।
इस दौरान सभी लोग काले किसान कानून वापस लो, किसान एकता जिंदाबाद, पूंजीपतियों और सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी नहीं चलेगी आदि नारे लगा रहे थे।
गिरफ्तारी के बाद ये सभी लोग कोतवाली में भी जमकर नारे लगाते रहे। नेताओं ने कहा कि लाठी, गोली और जेल के जरिये किसानों की जायज मांगों को दबाया नहीं जा सकता। पूरा देश अन्नदाता के साथ मजबूती से खड़ा है।