राजनीति में राजशाही जारी : आंध्र के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी बने अपनी पार्टी के आजीवन अध्यक्ष
जीवन भर YSRCP के अध्यक्ष बने रहेंगे जगन मोहन रेड्डी, मां इस्तीफा देकर गईं बेटी के पास
अमरावती। आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआरसीपी (YSRCP ) ने एक दिन पहले ऐतिहासिक फैसला लिया। युवजन श्रमिक रायथू कॉन्ग्रेस पार्टी (YSRCP) ने अपने मूल संविधान में संशोधन करते हुए सीएम YS जगन मोहन रेड्डी ( Jagan Mohan Reddy) को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया है। खास बात यह है कि वह वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष पद पर जीवन भर ( Lifetime president YSRCP ) बने रहेंगे।
जगन मोहन रेड्डी ( CM Jagan Mohan Reddy) फ़िलहाल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। वाईएसआरसीपी ( YSRCP ) ने ऐतिहासिक फैसला बीती रात यानि 9 जुलाई को लिया। अब जगन मोहन रेड्डी के रहते पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव भी नहीं होगा। दो दिन की प्रक्रिया के बाद पार्टी ने इसका ऐलान किया।
जगन मोहन रेड्डी ( CM Jagan Mohan Reddy ) ने 2011 में कॉन्ग्रेस छोड़ने के बाद YSRCP बनाई थी। उन्होंने अपने पिता राजशेखर रेड्डी की दुर्घटना में मृत्यु के बाद उनकी नीतियों को आगे ले जाने का वादा करते हुए पूरे राज्य में पदयात्रा की थी। अभी तक उनकी मां विजयम्मा पार्टी की मानद अध्यक्ष हुआ करती थीं, लेकिन अब उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया है। 2017 में YS जगन मोहन रेड्डी को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। हालांकि, परिवार में मतभेद होने की वजह से पार्टी संविधान में संशोधन कर ताजा फैसला लिया गया है।
बता दें कि मां विजयम्मा ( Vijyamma ) ने YSRCP से भी इस्तीफा दे दिया है और कहा है कि वो अपनी बेटी शर्मिला के साथ हैं तेलंगाना में YRS तेलंगाना पार्टी चला रही हैं। इसके बावजूद जीवन भर के लिए YSRC पार्टी का अध्यक्ष बने रहने के लिए जगन मोहन रेड्डी को अब चुनाव आयोग का रुख करना पड़ेगा। पार्टी का कहना है कि कई क्षेत्रीय पार्टियों में ऐसा हुआ है, जब हर 2 साल के बाद चुनाव की जगह एक ही अध्यक्ष को लाइफटाइम के लिए रखा गया।
इससे पहले YSRCP का दो दिवसीय कार्यक्रम गुंटूर में हुआ, जहां सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने आंध्र प्रदेश की जनता से किए गए 95% वादों को पूरा कर दिया है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में राज्य में मिली बंपर जीत के 3 साल बाद YS जगन मोहन रेड्डी ने पार्टी की 13 साल की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना के दौरान भी उनकी सरकार ने स्थिति को सही तरीके से मैनेज किया। उन्होंने बदलाव, विकास और समृद्धि के लिए दरवाजे खोलने का दावा करते हुए कहा कि बिना किसी भेदभाव के काम किया गया है।