Simdega Mob Lynching: झारखंड में उत्तेजित भीड़ ने युवक को घर से खींच कर जिंदा जलाया, पुलिस छावनी में तब्दील हुआ गांव
झारखंड के सिमडेगा में भीड़ ने युवक को जिंदा जलाया
Simdega Mob Lynching: झारखंड (Jharkhand) में 2021 शीतकालीन सत्र में मॉब लिंचिंग (Jharkhand Mob Lynching) की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए विधानसभा में विधेयक (Jharkhand Mob Lynching Bill 2021) पारित किया गया। मगर, इस विधेयक के पारित होने के बाद झारखंड से मॉब लिंचिंग (Mob Lynching in Jharkhand) की एक बार फिर से बड़ी वारदात सामने आई है। झारखंड के सिमडेगा (Simdega) जिले के कोलेबिरा थाना अंतर्गत जनजातीय बहुल बेसराजारा गांव में मंगलवार 4 जनवरी को भीड़ ने एक श्ख्स को जिंदा आग के हवाले कर दिया। उत्तेजित ग्रामीणों की भीड़ ने पहले युवक को घर से खींच कर बुरी तरह से पिटाई की और फिर उसे आग के हवाले डाला। मॉब लिंचिंग का शिकार हुए युवक का नाम संजू प्रधान है। वो इसी इलाके का रहने वाला था। इस घटना के वक्त हजारों की तादाद में ग्रामीण मूकदर्शक बने रहे। वहीं, लगभग एक घंटे तक पुलिस को भी गांव के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया गया। बाद में तीन-चार थाना क्षेत्रों की फोर्स गांव में पहुंची।
घर से निकाल की बेरहमी
जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों ने युवक संजू प्रधान उर्फ भौवा पर खूंटकटी कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया था। गांव वालों का आरोप था कि युवक पेड़ों को काटकर बेचता था, जिससे इस कानून का उल्लंघन हो रहा था। मृतक के परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ग्रामीणों ने युवक को घर से बाहर निकाला और उसकी बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद उसे जिंदा जला दिया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव में पहुंची पुलिस ने फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) की सहायता से आग पर काबू पाकर युवक का अधजला शव बरामद किया। जिसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है।
ग्रामीणों ने पुलिस का रास्ता रोका
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों की भीड़ इतनी उग्र थी कि उन्होंने पुलिस को भी काफी देर तक गांव में घुसने नहीं दिया। लाठी-डंडा लेकर ग्रामीणों ने पुलिस को गांव में दाखिल होने से रोकने का पूरा प्रयास किया। इसके बाद तीन चार थानों से अतिरिक्त फोर्स भेजी गई, इसके बाद ग्रामीण पीछे हटे। सिमडेगा जिले (Simdega District) के एसपी के आदेश पर गांव में मुख्यालय से फोर्स भेजी गई है। पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है। मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी।
कोलेबिरा थाना प्रभारी ने बताया कि ये घटना उत्तेजित भीड़ द्वारा अंजाम दिया गया है। घटना के पीछे की वजहें क्या हैं, इसकी जांच की जा रही है। वहीं, घटना के बाद गांव में काफी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हैं। तवानपूर्ण माहौल के बीच गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
राज्य में एंटी मॉब लिंचिंग बिल पारित
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा (Jharkhand Vidhansabha) ने बीते दिसंबर में ही प्रदेश में एंटी मॉब लिंचिंग बिल (Jharkhand Anti Mob Lynching Bill) पारित किया है, जिसमें मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। बता दें कि मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की घटनाओं को लेकर झारखंड पहले भी कई बार चर्चा में रहा है।