झारखंड में ETV के पत्रकार को DSP ऑफिस में बुरी तरह पीटा गया, विरोध के बाद सरकार में हड़कंप
जनज्वारर डेस्क। झारखंड के चतरा जिला के डीएसपी से बाईट लेने गये ईटीवी भारत के पत्रकार मोहम्मद अरबाज को डीएसपी कार्यालय में बुरी तरह से पीटा गया। झारखंड में काम करने वाले पत्रकारों ने भी इस घटना पर डीएसपी पर कार्रवाई की मांग की है।
सिमरिया (चतरा) के रहने वाले पत्रकार मोहम्मद अरबाज का कहना है कि शनिवार दोपहर लगभग 3 बजे वे अपने एक और सहयोगी के साथ डीएसपी केदार के कार्यालय में किसी के मामले में बाइट लेने पहुंचे थे। जब अरबाज ने डीएसपी से उनके केस के मामले में उनसे प्रश्न पूछने शुरू किए तो डीएसपी झल्ला उठे और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे।
इस पर जब पत्रकार ने डीएसपी के इस अभद्र व्यवहार का विरोध किया तो वे अपना आपा खो बैठे और पत्रकार की जमकर पिटाई करते हुए उन्हें कार्यालय के बाहर तक लाए। इसके बाद डीएसपी के अंगरक्षकों ने भी अरबाज के साथ मारपीट शुरू कर दी और उनके 3 मोबाइल फोन, कैमरा, डिजिटल वॉच भी छीन ली।
इसके बाद थाना प्रभारी लव कुमार को कार्यालय में बुलाया गया और पत्रकार अरबाज से जबरन एक सदा कागज पर लिखवाया गया कि ' मो. अरबाज का डीएसपी केदार राम व अन्य पुलिसकर्मियों से किसी प्रकार का विवाद नहीं है और उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है। ये सब करवाने के बाद ही अरबाज को उन लोगों ने छोड़ा।
पत्रकार ने इस सिलसिले में जिले के पुलिस अधीक्षक ऋषभ कुमार झा से मामले की जांच करने व न्याय दिलवाने की मांग की है। सुबूत के तौर पर पत्रकार ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए डीएसपी के कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने की बात कही है।
जबकि इस मामले में डीएसपी केदार पूरी तरह से पल्ला झाड़ रहे हैं, उनका कहना है कि मोहम्मद अरबाज नाम का एक व्यक्ति उनके कार्यालय पहुंचा जो एक पत्रकार हैं, इस बात की उन्हें जानकारी नहीं थी। इसलिए किसी अनजान व्यक्ति द्वारा वीडियो बनाते देख उन्होंने उसे अपने चैंबर से बाहर निकाल दिया लेकिन उनपर लगाया गया मारपीट का आरोप बिल्कुल गलत है।
इस पूरी घटना को झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन की जिला इकाई ने गंभीरता से लेते हुए संगठन के शीर्ष नेतृत्व को इसकी सूचना दी है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इकाई ने एक कमेटी का भी गठन किया है जो 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रदेश कमेटी को देगी।
कमेटी का कहना है कि इस तरह की घटना पुलिस छवि को धूमिल करती है और यदि वास्तव में डीएसपी और थाना प्रभारी इस मामले में दोषी पाए जाते हैं, तो इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। ज़रूरत पड़ने पर इसकी शिकायत प्रेस काउंसिल में भी दर्ज कराई जाएगी।