कोयला खदानों पर कब्जे की जंग में झारखंड फिर बना 'गैंग्स आफ वासेपुर', गोलियों-बमों से थर्राया कोल बेल्ट
गोलीबारी व बमबाजी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस। फोटो: प्रभात खबर डाॅट काॅम से साभार।
जनज्वार। झारखंड के धनबाद में एक बार फिर कोयला खदानों की आउटसोर्सिंग करने को लेकर खून खराबा हुआ है। सोमवार को धनबाद कोयलांचल के सिजुआ क्षेत्र स्थित निचितपुर कोलियरी में गोली व बम चले। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हिंसा कोल इंडिया की सब्सिडरी कंपनी बीसीसीएल की कोलयरी में हुआ।
सिजुआ के निचितपुर कोलियरी में संचालित डेको आउटसोर्सिंग में सोमवार को बंद समर्थकों व कंपनी समर्थकों एवं कर्मियों के बीच टकराव हो गया जिससे गोलियां चलीं और बमबाजी भी की गई। इस गोलीबारी से इलाके के आसपास के लोग भयभीत हो गए। इस गोलीबारी में कंपनी के समर्थक जमील अंसारी, विनोद विश्वकर्मा व विक्की पासवान घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना के बाद सिटी एसपी राम कुमार दोपहर में कंपनी के कैंप स्थल पहुंचे एवं हालात का जायजा लिया।
क्या है मामला?
बताया जाता है कि सोमवार को जनता मजदूर संघ असंगठित सिजुआ क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष (बच्चा गुट) रवि रवि चौहान ने 24 अगस्त को बंद का नोटिस दिया था। इस कारण दर्जनों लोग झंडा बैनर लेकर सोमवार को काम बंद कराने पहुंच गए थे।
इसी दौरान कंपनी के कर्मचारियों और कंपनी के समर्थकों ने दूसरे गुट को चुनौती दी और आगे बढे। इसके बाद दोनों गुट आमने-सामने आ गए। दोनों ओर से पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग और बमबाजी शुरू हो गई। करीब 20 मिनट तक गोलीबारी व बमबाजी हुई। इसके बाद बाघमारा के डीएसपी नितिन खंडेलवाल व कतरास के इंसपेक्टर भिखारी राम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस बल ने बंद समर्थकों को खदेड़ दिया। डीएसपी ने बताया कि करीब 50 बंद समर्थक काम बंद कराने पहुंचे थे। मौके से खोखे बरामद किए गए हैं। उन्होंने गोली चलने की पुष्टि की लेकिन बमबाजी की पुष्टि नहीं की है। डीएसपी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों पर कार्रवाई होगी।