लाॅकडाउन ने बढाई लोगों की हताशा, झारखंड के चाईबासा में जून में अबतक 11 ने दी जान
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जनज्वार। लाॅकडाउन ने लोगों की कुंठाएं कैसे बढाई है यह बात कई माध्यमों से सामने आ रही है। शहरी इलाकों व खासकर महानगरों में यह कुंठा अधिक दिख रही है या यूं कहें कि मीडिया में अधिक चर्चा में आ पाती है। कोरोना महामारी की वजह से लगे लाॅकडाउन ने ग्रामीण भारत व छोटे शहरों में भी लोगों की कुंठाएं बढाई हैं। आदिवासी समाज भी इससे अछूता नहीं है। झारखंड के आदिवासी बहुल चाईबासा व उसके आसपास के इलाकों में लाॅकडाउन के दौरान 17 लोगों ने आत्महत्या कर ली है।
आत्महत्या करने वालों में आदिवासी वर्ग के कई लोग भी शामिल हैं और युवाओं की संख्या अधिक है। यह भी महत्वपूर्ण है कि जैसे-जैसे लाॅकडाउन लंबा खींचा आत्महत्या करने के मामले अधिक सामने आए। झारखंड के स्थानीय अखबार प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सबसे अधिक घटनाएं जून में घटीं। जून महीना अभी खत्म नहीं हुआ है और 11 लोगों ने फांसी लगा कर जान दे दी। मई में पांच व अप्रैल में दो लोगों ने ऐसा किया था।
इस रिपोर्ट के अनुसार, अगर सिर्फ जून महीने की बात करें तो दो जून को डांगुवापोसी के मुंडासाई निवासी 13 साल के शिवराम केराई, तांतनगर ओपी अंतर्गत सोलपाड़ा निवासी 62 वर्षीय जगदीश बोदरा, 10 जून को सदर थाना क्षेत्र के छोटा नीमडीह निवासी 23 साल के मनीष मछुवा, 16 जून को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के उलीराजाबासा में 45 वर्षीय बागान पूरती, पांड्राशाली ओपी अंतर्गत गालुबासा में एक बच्ची, करलाजुड़ी में 16 साल के कृष्णा पूरती, 18 जून को भूता गांव सालीगुटु टोला की युवती संजना तांती, 20 जून को डोबरोसाई में युवती नेहा पांडेय, 21 जून कुमारडुंगी के मार्चासाई में दो बेटी की मां 26 साल की मालती पूरती, 25 जून को न्यू काॅलोनी टुंगरी में युवती नीलम कुमारी गुप्ता, 22 जून को हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के कुइड़ा में युवक जगदीश चातोंबा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
इससे पहले 18 अप्रैल को कुमारडुंगी के कुमिरता गांव की 16 वर्षीया रानी तामसोय, 29 अप्रैल को मंझारी थाना क्षेत्र रोलाडीह गांव की 24 वर्षीया राधिका बिरूवा ने खुदकुशी की थी। मई महीने की बात करें तो पांच मई को मझगांव थाना क्षेत्र के देवधर गांव निवासी 41 वर्षीय जसवंत पिंगुवा, नौ मई को नोवामुंडी में 32 साल के आलोक मंडल, 25 मई को सदर थाना क्षेत्र के छोटा निमडीह निवासी 16 वर्षीया सोनी गोप, गूवा के दुधबिला की 45 साल की जेना चातोंबा और कुमारडुंगी में 18 साल की मालिन हेंब्रम ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।
मालूम हो कि चाईबासा के बगल में स्थित औद्योगिक नगरी जमशेदपुर आत्महत्या के अत्यधिक मामलों के लिए चर्चित है। जमशेदपुर में आत्महत्या की अनुपातिक संख्या अधिक दर्ज की जाती रही है।