लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढीं, रिम्स में केली बंगले से पेइंग वार्ड में शिफ्ट किए गए, हाइकोर्ट में पीआइएल दायर
जनज्वार। भाजपा विधायक को प्रलोभद देने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ चुकी हैं। लालू प्रसाद यादव को गुरुवार को रांची में रिम्स के केली बंगले से वापस पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव का तर्क देते हुए रिम्स के आलीशान डायरेक्टर बंगले में रखा गया था, जिन्हें केली बंगला भी कहा जाता है।
लालू प्रसाद यादव पर बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने यह आरोप लगाया कि उन्होंने पीरपैंती से भाजपा के विधायक ललन पासवान को फोन कर स्पीकर चुनाव में गैर हाजिर रहने और बाद में एनडीए की सरकार गिर जाने व महागठबंधन की सरकार बनने पर मंत्री बनाने का प्रलोभन दिया था। सुशील कुमार मोदी ने इस बातचीत का आडियो भी अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर किया। इसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। भाजपा इस मामले को लेकर लगातार हमलावर थी।
ऐसे में गुरुवार को रिम्स प्रशासन ने उन्हें केली बंगले से पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया गया। रिम्स अस्पताल झारखंड सरकार के नियंत्रण में संचालित होने वाला राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है। झाारखंड में इस वक्त झामुमो-कांग्रेस-राजद की सरकार है।
लालू प्रसाद यादव को वापस पेइंग वार्ड में शिफ्ट किए जाने को झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सत्य की जीत बताया है। शाहदेव ने कहा है कि वह दिन दूर नहीं है जब उन्हें वापस होटवार जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद का स्वास्थ्य अभी ठीक है।
अंततः सत्य की जीत हुई।
— Pratul Shah Deo 🇮🇳 (@pratulshahdeo) November 26, 2020
भाजपा के लगातार आंदोलन और दबाव के कारण राज्य सरकार को आज अपने मेहमान नंबर वन लालू प्रसाद को केली बंगल से वापस रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा।
अब वह दिन दूर नहीं जब वे होटवार जेल वापस जाएंगे और वही उनका इलाज होगा। pic.twitter.com/oC8IauX3F4
मालूम हो कि चारा घोटाले की सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची के होटवार जेल में रखा गया है, जहां से इलाज को लेकर उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया और फिर कोरोना संक्रमण से बचाव के नाम पर मुख्य बिल्डिंग से दूर डायरेक्टर बंगले में शिफ्ट किया गया। भाजपा हमेशा आरोप लगाती रही है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार उन्हें हर सुविधा दे रही है और वे जेल की सजा होने के बावजूद आलीशान बंगले में रह कर अपनी राजनीतिक गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।
वहीं, गुरुवार को ही लालू प्रसाद यादव पर जेल मैनुअल का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए झारखंड हाइकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। अनुरंजन अशोक नामक शख्स द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि जेल की सजा काट रहे लालू ने विधायक को प्रलोभन किया और विधायक खरीद-फरोख्त के आरोप में उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाएग। याचिककर्ता ने इस मामले में जेल अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों व रिम्स के डाॅक्टरों की भूमिका की भी जांच की मांग की है।
लालू पर आज मांझ ने भी लगाया आरोप, पटना में एफआइआर
बिहार में नीतीश कुमार की एनडीए सरकार को लालू प्रसाद यादव द्वारा गिराने की कोशिश करने का आरोप आज हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी व वीआइपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी लगाया। जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें व उनकी पार्टी के विधायकों को प्रलोभन देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उनसे फोन पर बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने बात नहीं की।
वहीं, पटना में लालू प्रसाद पर प्रलोभन देने की प्राथमिकी भाजपा विधायक ललन पासवान ने दर्ज करायी है। लालू प्रसाद यादव पर ललन पासवान को ही प्रलोभन देने का आरोप है। लालन पासवान ने प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद कहा कि लालू प्रसाद यादव से बातचीत का आडियो हूबहू सबके सामने हैं। राजद का षडयंत्र फेल हुआ है। एक जन सेवक को प्रलोभन देना और सदन में गैर हाजिर होने के लिए प्रेरित करना गलत है। ललन पासवान ने कहा कि हमने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज करायी है। उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।
लालू जी से बातचीत का ओडियो हुबहू सबके सामने है। राजद का षड्यंत्र फेल हुआ है। एक पब्लिक सर्वेंट को प्रलोभन देना और सदन में अनुपस्थित होने के लिए प्रेरित करना गलत है। हमने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज़ करवाई है। कानून पर भरोसा है न्याय मिलेगा: BJP MLA ललन पासवान #Bihar pic.twitter.com/R8PkIp2AGA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2020
उधर, शुक्रवार, 27 नवंबर को लालू प्रसाद यादव की एक जमानत याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई होनी है। यह मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है।