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झारखंड

बड़ी खबर : जमशेदपुर में कोरोना से मृत व्यक्ति का शवदाह करने गई पुलिस पर भीड़ ने बरसाये पत्थर, कई जख्मी

Janjwar Desk
5 July 2020 3:34 PM IST
बड़ी खबर : जमशेदपुर में कोरोना से मृत व्यक्ति का शवदाह करने गई पुलिस पर भीड़ ने बरसाये पत्थर, कई जख्मी
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झारखंड में दूसरी बार कोरोना से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करना पुलिस व प्रशासन के लिए भारी मशक्कत का काम साबित हुआ, जमशेदपुर से पहले रांची में भी एक बार तीखा विरोध हो चुका है...

जनज्वार। झारखंड के जमशेदपुर में रविवार (5 july 2020) को कोरोना से मृत एक व्यक्ति का शवदाह करने श्मशान घाट गई पुलिस को स्थानीय लोगों के भारी विरोध व हमले का सामना करना पड़ा। प्रशासन व पुलिस के समझाने के बाद भी लोग नहीं माने और इससे आसपास के इलाके में कोरोना संक्रमण फैलने की बात कहते रहे और बाद में उग्र होकर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ के इस हमले में दो महिला पुलिस कर्मी सहित कई घायल हुए हैं।

शनिवार (4 july 2020) को कोरोना से मृत एक व्यक्ति का शव दाह करने आज (5 july 2020) सुबह नौ बजे पुलिस टीम भुईयांडीह बर्निंग घाट पहुंची। हालात की नाजुकता को समझते हुए इस कार्य के लिए एसडीओ खुद मौके पर पहुंचे थे। पुलिस के श्मशान घाट पर पहुंचने के बाद बड़ी संख्या में धीरे-धीरे स्थानीय लोग वहां जुटने लगे और शवदाह का विरोध करने लगे। अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन लोगों ने आसपास भीड़भाड़ वाली आबादी होेने के कारण कोरोना संक्रमण फैलने की बात कही।

बाद में भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ के पथराव में दो महिला पुलिस कर्मी सहित कई अन्य घायल हो गए। बाद में हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने भीड़ पर डंडे भांजे जिससे लोग भाग खड़े हुए और आखिरकार शवदाह किया गया।

इस मामले में सीतारामडेरा थाने में एक शिकायत दर्ज करायी गई है और एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी चल रही है।

इससे पहले भी हुई है ऐसी घटना

यह पहला वाकया नहीं है जब झारखंड में कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार करना प्रशासन को इतना मुश्किल पड़ा। इससे पहले रांची में एक कोरोना पीड़ित का मिट्टी रस्म करने के लिए पुलिस टीम दिन भर तीन कब्रिस्तान घूमती रही। हर जगह स्थानीय लोगों ने संक्रमण फैलने की बात कह कर शव को दफनाने नहीं दिया। इसके बाद आखिरकार आधी रात में उस व्यक्ति की मिट्टी रस्म उसी हिंदपीढी इलाके के पास के कब्रिस्तान में की गई, जहां उसका घर था। ऐसा कुछ समझदार स्थानीय युवाओं के आगे आने व दफनाने के लिए राजी होने की वजह से हो पाया था।

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