कल नहीं चला जोशीमठ के 2 होटलों माउंट व्यू और मलारी पर बुलडोजर, मुआवजे को लेकर बना गतिरोध नहीं हो रहा खत्म
कल नहीं चला जोशीमठ के 2 होटलों माउंट व्यू और मलारी पर बुलडोजर, मुआवजे को लेकर बना गतिरोध नहीं हो रहा खत्म
Joshimath sinking : भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के दो होटलों माउंट व्यू और मलारी इन के ध्वस्तीकरण का कार्य मंगलवार को लोगों के भरी विरोध के चलते नहीं हो पाया। प्रशासन की ओर से प्रभावितों को मंगलवार की शाम तक समझाने के प्रयास किए जाते रहे लेकिन मुआवजे को लेकर बने गतिरोध पर छाया कुंहासा न छंटने के कारण होटलों के ध्वस्तीकरण का काम नहीं हो सका। अब होटलों के ध्वस्तीकरण की स्थिति बुधवार को ही साफ होगी। मंगलवार को इन दोनो होटल के इन भवनों का ध्वस्तीकरण ऊपर से नीचे की ओर किया जाना था। लेकिन होटल स्वामियों ने बिना नोटिस और आर्थिक मूल्यांकन किए होटलों को तोड़ने का विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार पहले उनके सेटलमेंट की व्यवस्था करे।
दरअसल मंगलवार को जोशीमठ में दो होटलों को सबसे पहले ध्वस्त करने की तैयारी की गई थी। सुबह से ही इन दोनों होटलों को गिराने को लेकर तैयारी हो रही थी लेकिन अलग अलग टीमों के निरीक्षण के चलते लगातार विलंब होता रहा। इस बीच लोगों की नाराजगी बढ़ती गई। लोगों का आरोप है कि सरकार ने मुआवजा दिया नहीं और होटलों को तोड़ने पहुंच गई। होटल मालिकों का आरोप है कि कभी किसी ने उन्हें निर्माण से नहीं रोका लेकिन अब कह रहे हैं कि इस इलाके में इतने बड़े होटल बन ही नहीं सकते।
इस मामले में स्थानीय लोग रात में होटलों के ध्वस्तीकरण को लेकर भी सवाल उठा रहें हैं। सवाल उठ रहें हैं कि आखिर प्रशासन रात में क्यों ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले भी लोगों ने बद्रीनाथ हाईवे को जाम कर विरोध दर्ज कराया। बड़ी संख्या में लोगों हाईवे जाम कर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इसके साथ ही एनटीपीसी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों का विरोध पुनर्वास की तैयारियों को लेकर भी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार ने पुनर्वास की अधूरी तैयारी की है।
देर शाम आक्रोशित लोग माउंट व्यू होटल के सामने धरने पर बैठ गए। इसके बाद लोगों ने सरकार व एनटीपीसी के खिलाफ नारे लगाते हुए जाम लगा दिया। लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक मुआवजा तय नहीं होगा तब तक वे होटल टूटने नहीं देंगे।
दूसरी ओर सीबीआरआई के डॉ डीपी कानूनगो ने होटल के ध्वस्तीकरण का प्लान साझा करते हुए बताया कि होटलों का ध्वस्तीकरण ऊपर से नीचे की ओर होगा। सबसे पहले होटलों की छतों पर रखी पानी की टंकियों को हटाया जाएगा। छत पर बने टिन शेड को हटाने के बाद खिड़की और दरवाजे हटाए जाएंगे। फिर दीवारों को काटकर हटाया जाएगा। होटल के पहाड़ी वाले हिस्से से ध्वस्तीकरण शुरू होगा। प्रशासन की ओर से बदरीनाथ हाईवे पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। बिल्डिंग के मलबे से कोई और नुकसान न हो इसके लिए बैरिकेडिंग लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि होटलों के कमरों में जाकर अच्छे से निरीक्षण किया गया है।
टीम ने होटल के अंदर और बाहर का जायजा लिया है। एसडीआरएफ को बताया गया है कि होटल के अंदर से सामान हटाया जाए। इसका ट्रीटमेंट अब संभव नहीं है। इसका ध्वस्तीकरण ही अब अंतिम उपाय है।