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Journalist Kishor Ram की गिरफ्तारी के खिलाफ भीम आर्मी ने किया प्रदर्शन, जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा

Janjwar Desk
2 March 2022 2:46 PM GMT
Journalist Kishor Ram की गिरफ्तारी के खिलाफ भीम आर्मी ने किया प्रदर्शन, जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा
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Journalist Kishor Ram की गिरफ्तारी के खिलाफ भीम आर्मी ने किया प्रदर्शन, जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा

Journalist Kishor Ram : भीम आर्मी के सदस्यों ने पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी से मुलाकात की, जिलाधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द उनके खिलाफ मुकदमा खारिज किया जाएगा.....

Journalist Kishor Ram : 'जनज्वार' से जुड़े पत्रकार किशोर राम (Kishor Ram) की गिरफ्तारी के खिलाफ आज पिथौरागढ़ में भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया। भीम आर्मी (Bhim Army) ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को फर्जी बताते हुए जिला प्रशासन से मांग की है कि किशोर राम के खिलाफ जल्द से जल्द मुकदमा खारिज किया जाए और उन्हें रिहा किया जाए।

भीम आर्मी के सदस्यों ने पिथौरागढ़ (Pithoragarh) के जिलाधिकारी से मुलाकात की। जिलाधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द उनके खिलाफ मुकदमा खारिज किया जाएगा। भीम आर्मी की टीम की ओर से जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन सौंपा गया जिसमें मांग की गई है कि पीड़ित परिवार को नौकरी दी जाए। पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए और दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।

पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ भीम आर्मी के प्रदर्शन को शिल्पकार उत्थान समिति, डॉ. अंबेडकर संयोजन समिति समेत कई संगठनों ने भी समर्थन दिया और उनकी रिहाई की मांग की।

इससे पहले मंगलवार पिथौरागढ़ में पत्रकार किशोर राम (Kishor Ram) के समर्थन में अब पत्रकार, राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता और प्रबुद्धजन भी उतरे। उन्होंने भी जिलाधिकारी से किशोर राम के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्र वापस लेने की मांग की। किशोर राम पर मुकदमा दर्ज किए जाने के संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की थी और इस कार्यवाही को प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया। जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ पुलिस ने गत 22 फरवरी को जनज्वार से जुड़े पत्रकार किशोर कुमार पर दर्ज किा गया मुकदमा पूरी तरह से गलत है।

उनका कहना था कि किशोर पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप पुलिस ने लगाया है जबकि यूट्यूब और फेसबुक पर जारी किए गए उनके वीडियो को देखने से ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं होता है। पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे पत्रकार का पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया गया है।

क्या था मामला

बता दें कि पुलिस जिन दो वीडियोज के आधार पर पत्रकार किशोर राम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, वो दोनों अलग-अलग मामले हैं। एक मामला दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले युवक की हत्या का तो दूसरा दलित लड़की के साथ कथित तौर पर रेप का मामला। इन दोनों मामलों को जानते हैं। पहला- 13 फरवरी को पिथौरागढ़ के डीडीहाट ब्लॉक के गांव तल्ली भैसोढ़ी में दलित युवक रामी राम की हत्या को लेकर किशोर राम उसी गांव के लोगों और मृतक के रिश्तेदारों से बात करने और घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान गांव के लोगों और उनके रिश्तेदारों ने घटना के बारे में पूरी कहानी बताई थी।

परिजनों ने आरोप लगाया था कि 13 फरवरी को रामी राम को राजेंद्र सिंह देउपा ने फोन करके बुलाया था। रिश्तेदारों ने गोकुल सिंह देउपा पर रामी राम की हत्या का आरोप लगाया था। उनके मुताबिक रामी राम की पत्थरों से कुचलकर हत्या की गई थी। इस दौरान रामी राम की पत्नी ने भी आरोप लगाया था कि उनका पति कांग्रेस का समर्थक था इसलिए भाजपा से जुड़े लोगों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।

जबकि दूसरा वीडियो एक नाबालिग दलित बेटी के साथ दुष्कर्म से जुड़ा था। किशोर राम ने इस मामले में भी पीड़ित परिवार का पक्ष जानने की कोशिश की थी। इस दौरान लड़की के पिता ने बताया था कि यह घटना 18 जनवरी की रात की है। जिसमें दो लड़के गौरव बिष्ट और किशन नाम डीजे वाले के साथ गए थे, जिन्होंने मेरी मेरी दो नाबालिग बेटियों को कार में घुमाने के बहाने अपने चंगुल में फंसाया। इसके बाद पूरी रात इन्होंने हवस का शिकार बनाकर टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर छोड़ दिया। रात के पता नहीं कितने बजे रहे होंगे। उसके बाद एक ट्रक ड्राइवर ने हमारी बेटियों को तप्पड़ नामक जगह पर छोड़ा। फिर उसके मोबाइल से फोन कर मेरे घर को जानकारी दी गई। उसके बाद मैंने प्रशासन के लिए कार्रवाई के लिए कहा तो प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। अभी मैं स्वयं यहां आया हूं तो मेरे साथ भी ऐसे व्यवहार किया जाता है कि जैसे मैंने कोई जुर्म किया हो।

इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई या नहीं, यह पूछने पर उन्होंने बताया था कि मुझे 16 तारीख को डीएम साहब ने मुझे आश्वासन दिया था कि तहसीलदार साहब के पास जाओ। लेकिन तहसीलदार साहब मुझे बिना बताए एसडीएम साहब के पास लेकर गए। उनके साथ वार्तालाप हुई तो वो मेरे साथ ऐसे पेश हुए जैसे मैं कोई आरोपी हूं। मेरे से इस तरह का सवाल जवाब कर रहे हैं कि जो तुमने जो बलात्कार का आरोप लगा रखा है पुष्टि नहीं होगी तो जेल जाना पड़ेगा। लड़के की ओर से भी दबाव बनाया जा रहा है। लड़की के पिता ने यह भी चेतावनी दी थी कि इस मामले में अगर कार्रवाई नहीं होती है तो मैं डीएम कार्यालय के सामने आत्महत्या करूंगा।

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