Kalicharan : एफआईआर दर्ज होने के बाद नहीं बदले कालीचरण के सुर, बोला गांधी से नफरत करता हूं, मुझे फांसी तो वो भी स्वीकार है
(महात्मा गांधी को गाली देने वाले कालीचरण ने एफआईआर के बाद भी जारी किया वीडियो)
Kalicharan : उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद (Dharm Sansad) में हिंदुओं को हथियार उठाने की अपील करने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के लिए बिगड़े बोल बोलने वाले कालीचरण (Kalicharan) अब भी अपने बयानों पर कायम हैं। उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है लेकिन उसके बाद भी उसने एक वीडियो जारी किया है। वीडियो जारी कर कालीचरण ने कहा है कि महात्मा गांधी को गाली देने को लेकर उन्हें कोई अफसोस नहीं है। महात्मा गांधी को गाली देने के आरोपी कालीचरण ने कहा कि मुझे फांसी पर चढ़ा भी दोगे तो मेरे सुर नहीं बदलेंगे। मैं गाधी का विरोधी हूं, ऐसी एफआईआर से कोई फर्क पश्चताप नहीं है। मैं गांधी से नफरत करता हूं। इसके लिए मुझे फांसी हो वह भी स्वीकार है।
बता दें कि रविवार को रायपुर की धर्म संसद कार्यक्रम में मंच से कालीचरण ने महात्मा गांधी को गाली देते हुए उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को नमन किया था। अब कालीचरण महाराज ने सोशल मीडिया पर दूसरा वीडियो डालकर आग में घी डालने का काम किया है। एफआईआर को लेकर कालीचरण ने कहा कि गांधी को अपशब्द कहने का कोई पश्चाताप नहीं है, मैं गांधी से नफरत करता हूं। गांधी ने हिंदुओं के लिए क्या किया है।
कालीचरण ने महात्मा गांधी को वंशवाद की जड़ फैलाने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। कालीचरण ने कहा कि कांग्रेस में वंशवाद ने वंशवाद को बढ़ावा देने का काम किया है। पंडित नेहरू की जगह सरदार पटेल को सत्ता सौंपने पर देश अमेरिका से भी आगे होता, देश सोने की चिड़िया होती।
अपने वीडियो में कालीचरण कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस के अंदर प्रतिभाओं को बढ़ने का मौका नहीं गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे प्रतिभाओं को दबाया गया है। कालीचरण ने महात्मा गांधी को वंशवाद का जनकर कहते हुए कहा कि यह राष्ट्रवाद के जनक नहीं, इसलिए इन्हें राष्ट्रपिता नहीं मानता।
इसके अलावा कालीचरण ने महात्मा गांधी पर भगत सिंह, राजगुरु की फांसी न रुकवाने जैसे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कोई राष्ट्र का पिता नहीं हो सकता। राष्ट्रपति बनाना है तो छत्रपति शिवाजी, राणा प्रताप और सरदार पटेल जैसे लोगों को बनाना चाहिए, जिन्होंने राष्ट्रकुल को एकत्र करने का काम किया। गांधी को देश का बंटवारा करने का जिम्मेदार बताया।