Kanpur News : 78 वर्षीय पत्नी ने 82 वर्षीय पति पर किया केस, दहेज उत्पीड़न का लगाया आरोप
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Kanpur News : उत्तर प्रदेश के कानपूर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है| यहां एक बुजुर्ग महिला ने अपने बुजुर्ग पति पर दहेज़ उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया है| महिलाओं को उनका सामाजिक हक दिलाने के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए दहेज उत्पीड़न संबंधी कानून का दुरुपयोग हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। एक बार फिर एक अजीबो-गरीब रिपोर्ट ने दहेज उत्पीड़न कानून पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह है पूरा मामला
कानपूर में 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने 82 वर्षीय बुजुर्ग पति पर दहेज़ उत्पीड़न का केस करते हुए इंसाफ की मांग की है| 78 साल की महिला ने जब अपने 82 साल के पति पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया तो लोगों में चर्चा होना स्वाभाविक है। बता दें कि चकेरी के रहने वाले 82 वर्षीय गणेश नारायण शुक्ला, उनके बेटे रजनीश, बहू समेत छह लोगों के खिलाफ गणेश की 78 वर्षीय पत्नी ने चकेरी थाने में दहेज उत्पीड़न, मारपीट व धमकी देने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि इस मामले में हैरान करने वाली एक और बात यह भी है कि जिस 82 वर्षीय बुजुर्ग गणेश नारायण शुक्ल पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगा है, वह बिना सहारे के चल भी नहीं सकते है|
बुजुर्ग महिला ने की कार्यवाही की मांग
इस मामले में बुजुर्ग पत्नी ने आरोप लगाया है कि पति, बेटा-बहू दहेज लाने का दबाव बनाते हैं, उनको खाना-पीना नहीं देते, मारपीट करते हैं और जान से मारने की धमकी भी देते हैं। बुजुर्ग महिला की शिकायत को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने जब पूछताछ की तो यह मामला पारिवारिक विवाद का मामला निकलकर सामने आया लेकिन वह बुजुर्ग महिला आरोपियों पर कार्रवाई के लिए अड़ी थी।
कोर्ट में रोने लगा पति
महिला कार्यवाही के लिए अड़ गई थी| जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को मिडिएशन सेंटर भेज दिया। फिर मिडिएशन सेंटर से नोटिस जारी हुआ और ससुराल वालों को बुलाया गया। जब महिला के पति गणेश अपना पक्ष रखने मिडिएशन सेंटर पहुंचे तो उन्हें सारे मामले का पता चला| जिसके बाद वह फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कोर्ट में कहा कि मैं अब तक सारी जिम्मेदारियां ईमानदारी से निभाता रहा और इस उम्र में कचहरी के चक्कर लगा रहा हूं|
बेटे ने आरोपों को बताया झूठा
इस मामले में बुजुर्ग दंपति के बेटे रजनीश का कहना है कि आज भी परिवार के सभी सदस्यों के साथ उनकी मां का अच्छा व्यवहार है| आगे उन्होंने कहा कि मां को कुछ लोग भड़का कर परिवार में फूट डालकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं इसलिए झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मां से कोई गिला शिकवा नहीं है। मामले को सुलह के आधार पर निपटाने के प्रयास मिडिएशन सेंटर के काउंसलर द्वारा किए जा रहे हैं।
कानून का किया जाता है गलत प्रयोग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में वकील शिवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा है कि सभी पक्षों से बात करने के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक परिवार के दूसरे सदस्यों को फंसाने के लिए दहेज कानून का गलत प्रयोग किया गया है| साथ ही उन्होंने कहा कि शादी के सात साल बाद दहेज का आरोप उतना प्रभावी नहीं रह जाता| फिलहाल यह मामला मध्यस्थता केंद्र में है ताकि दोनों पक्षों के बीच आपसी बातचीत से विवाद खत्म किया जा सके|