Kanpur News : बिहार की लाखों लीटर शराब डकारने के बाद कानपुर में 40 करोड़ का पुल भी खा गये चूहे, बगलें झांक रहे जिम्मेदार
(40 करोड़ की लागत से बना पुल चूहों ने खा डाला)
Kanpur (जनज्वार) : बिहार में लाखों लीटर शराब डकारने के बाद शराबी चूहे मीडिया की सुर्खियां बन गये थे। अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शहर में चूहों ने 40 करोड़ रूपये का नुकसान कर दिया है। सच हैरान जरूर करता है लेकिन सच यही है जो बताया जा रहा, कि 40 करोड़ से बनाया गया खपरा मोहाल फ्लाईओवर को चूहों ने कुतर डाला। चूहों ने रैम्प में छेद दर छेद कर पहले अपना बसेरा बनाया फिर इसे आर-पार खोखला कर दिया। बारिश हुई तो रैम्प की बालू बह गई और पुल तीन बार धंस गया।
कानपुर के खपरा मोहाल पुल के बार-बार धंसने की सेतु निगम ने जांच भी कराई। निगम की तकनीकी टीम ने जांच की तो उसकी हवाइयां उड़ गई। पता चला कि बगल में रेलवे गोदाम से चूहे बीते कई महीनों से आ रहे हैं लेकिन कोरोना काल में जब लॉकडाउन हुआ तो सन्नाटा पाकर रैम्प के अंदर (रेलवे स्टेश्न की तरफ) चूहों की आमद तेज होने लगी। चूहों ने रैम्प में दोनों तरफ कई छेद कर रास्ते बना लिए।
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार
सेतु निगम ने नियमों का हवाला देकर साफ किया कि पुल कैन्ट बोर्ड के क्षेत्र में आता है इसलिए मेन्टीनेंस का काम उसी का है। लाइट का मेन्टीनेंस बोर्ड देख रहा है तो पुल का मेंटीनेंस भी देखे जबकि बोर्ड का कहना है कि पुल उन्होंने बनाया तो उन्हें देखना होगा।
संयुक्त प्रबंध निदेशक सेतु निगम राकेश सिंह ने बताया, सेतु निगम की टीम ने बार-बार खपरामोहाल पुल की धंस रही सड़क की जांच की है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक चूहों की वजह से ही पुल का रैम्प खोखला हो गया और बारिश में पानी अंदर जाने से बालू बह गई इसलिए सड़क भी धंसी। कैन्ट बोर्ड को ही मरम्मत भी करनी होगी। सेतु निगम पुल बनाकर जिम्मेदार विभाग को सौंप देता है।
बिहार के शराबी चूहे
5 मई 2017 को बिहार के शराबी चूहे मीडिया की सुर्खियां बन गये थे। वहां लाखों लीटर शराब थानों से गायब हो गई थी। तब कहा गया था कि चूहे शराब गटक गए या फिर बर्बाद कर दी। शराबबंदी के बाद पुलिस ने कई बार शराब जब्त की थी और अलग-अलग थानों में रखी गई थी। जांच के दौरान जब्त शराब की मात्रा कम होने लगी तो जांच के आदेश दिए गए थे। तब इसका खुलासा हुआ। हिसाब-किताब नहीं मिलता देख, कहा गया कि चूहे या तो शराब पी गए या फिर बर्बाद कर दी।
क्या था पूरा मामला?
एसएसपी मनु महाराज ने पटना नगर निगम चुनावों को देखते हुए सभी थानेदारों की बैठक बुलाई थी और कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा की. जब बैठक चल रही थी तो मनु महाराज ने थानेदारों से पूछा कि शराबबंदी लागू होने के बाद जितनी भी शराब जब्त हुई है और जिसे थाने के मालखाने में रखा गया है, आखिर उसमें कमी क्यों आ रही है. मनु महाराज के इतना पूछते ही थानेदारों ने सारा ठीकरा चूहों पर दे मारा. दरअसल कुछ थानेदारों ने मनु महाराज को बताया कि करोड़ों की शराब मालखाने से इसलिए गायब हो गई है, क्योंकि उस शराब को चूहों ने पी लिया है.
बिहार में है पूर्ण शराबबंदी
बता दें कि 5 अप्रैल, 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. इस एक साल में बिहार के विभिन्न हिस्सों से पुलिस और उत्पाद विभाग ने तकरीबन 5 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की है. वहीं 3 लाख लीटर से ज्यादा देसी शराब भी पुलिस ने जब्त की है. बरामद शराब को विभिन्न थानों के मालखाने में रखा गया है ताकि कोर्ट के आदेश के बाद उसे नष्ट किया जा सके।
बिहार से हरियाणा तक 'इज्जत' बचाते चूहे
बिहार में अपना जलवा दिखाने के बाद ये चूहे हरियाणा में भी कमाल दिखा चुके हैं। चूहों के आड़ में न जाने भ्रष्टाचार के कितने मामले दम तोड़ देते हैं। वैसे चूहे भी कमाल के हैं, इनसे कुछ भी बचता नहीं है। बदमाश चूहे सिर्फ सिस्टम को परेशानी में ही नहीं डालते बल्कि कइयों की 'जान' भी बचाते हैं। इससे पहले बिहार के शरारती चूहे शराब पीने से लेकर बांध तोड़ने तक में हाथ आजमाने के बाद नियोजित शिक्षकों पर भी दांव खेल दिया था। नियोजित शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र जांच के दौरान यह पता चला था कि चूहों ने 40 हजार नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र वाले फोल्डर को कुतर डाला।