Kanpur News : महंगाई के सवाल पर भड़क गए कानपुर के BJP सांसद सत्यदेव पचौरी, बोले 'बाहर निकालो इस पत्रकार को'
(कानपुर से भाजपा के सांसद सत्यदेव पचौरी। फोटो : मनीष दुबे)
मनीष दुबे की रिपोर्ट
Kanpur news। हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली (Diwali 2021) है। देश की जनता महंगाई (Inflation) से त्रस्त है। तेल, सब्जी, दाल, रसोई गैस की आसमान छूती कीमतों ने जनता की कमर तोड़ दी है। इसी महंगाई को लेकर जब कानपुर नगर से भाजपा (BJP) सांसद सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri) से हमने बात करनी चाही तो वह भड़क गए। पहले उन्होंने कहा कि वह कुछ भी कन्ट्रोवर्सियल (Controversial) बात नहीं करेंगे। उनने महंगाई (Inflation) पर बोलने से इनकार करते हुए यह तक कह दिया कि इस पत्रकार को बाहर निकालो।
'मैं कुछ बोलूंगा ही नहीं' महंगाई के सवाल पर भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी साध गए मौन. जनता त्रस्त है. जिम्मेदार चुपचाप जगमगा रहे हैं. #दीपावली2021 #महंगाई #BJP #kanpur pic.twitter.com/BSsxqfhKDv
— Janjwar Media (@janjwar_com) November 3, 2021
कानपुर (Kanpur News) की अलग-अलग विधानसभाओं में बनी ऊंची ऊंची अट्टालिकाओं के बीच तमाम बस्तियां भी बसी हुई हैं। इन बस्तियों में मुख्यता वही लोग रहते हैं जो कहीं मेहनत-मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का पेट पालते हैं। यह जनता किसी सांसद विधायक के यहां जा नहीं सकती। जा सकती है तो अपने जनप्रतिनिधि से मुलाकात नहीं कर सकती। ऐसे में आमजनता एक माध्यम तलाश करती है कि कोई उसकी भी बात कहे और उठाये।
सांसद पूरे जिले का मालिक होता है। जनता के लिए ये जनप्रतिनिधि ही जिम्मेदार होते हैं। जनता के लिए इनसे ही सवाल-जवाब किया जाना होता है। ऐसे में सांसद जी जनता के प्रति अगर महंगाई न कम कर सकते तो कोई अच्छा सा संदेश ही दे सकते थे, बावजूद इसके सांसद पचौरी कुछ भी बोलने से इनकार कर गए। उनके इस इनकार को हमने कैमरे में कैद कर लिया। और एक बार पुनः उनसे कुछ बोलने के लिए मनुहार की लेकिन सांसद जी भड़क गए।
झक्क सफेद कुर्ते पायजामे में बैठे सांसद जी के सामने लगी टेबल पर महंगी मिठाई और नमकीन की ट्रे सजी हुई थी लेकिन उन्हीं के अपने क्षेत्र की जनता में ऐसे भी तमाम घर हैं जिनके तीन टाइम जलने वाले चूल्हे अब बमुश्किल एक समय ही जलते हैं। इसका कारण सांसद जी से पूछने पर वो खुद सुलग जाते हैं। पीछे खड़े एक सांसद कर्मचारी ने जब बताया कि पत्रकार ने आपका इनकार रिकॉर्ड कर लिया है तो सांसद जी बोले 'कोई फर्क नहीं कर लेने दो। ऐसे बहुत आते हैं।'
इसके बाद सांसद महोदय को अचानक न पता क्या हो गया कि उन्होंने अपने कर्मचारी से कहा कि 'बाहर निकालो इस पत्रकार को।' हमने फिर कहा कि महंगाई पर आपको बोलना चाहिए तो उन्होंने फिर कहा कि 'बाहर निकालो यार इसको।' ताज्जुब होता है इन जनप्रतिनिधियों पर जो जनता के वोटों से ही जीतकर जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होते। और यह जिसको समझना है वह जनता ही है। जनता को अपना नेता ऐसा चुनना चाहिए जो रात-बिरात उसके काम आये, उसके लिए खड़ा हो सके, अन्यथा नेता तो हर घर मे पैदा हो रहा है।