मायावती-बादल गठबंधन पर बरसीं कांशीराम की बहन, कहा बहिनजी अपनी सुविधा के लिए लगाती हैं 'दलितों की बेटी' वाला टैग
2022 पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बादल-मायावती गठबंधन होने पर कांशीराम की बहन ने दोनो नेताओं पर तंज कसा है.
जनज्वार ब्यूरो। 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बादल और मायावती ने गठबंधन किया है। शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के इस गठबंधन पर बसपा संस्थापक कांशीराम की बहन स्वर्ण कौर ने हमला बोला है। स्वर्ण कौर ने कहा है कि उनके भाई कांशीराम ने वंचितों की सेवा के लिए शादी नहीं की। लेकिन ये दोनों गरीबों को अपने पास फटकने तक नहीं देते हैं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कांशीराम की बहन स्वर्ण कौर ने कहा कि ना तो मायावती और ना ही बादल गरीबों के बारे में कुछ जानते हैं। वे गरीबी को समझते तक नहीं। यह ऐसे पार्टियों का गठबंधन है जिसके ऊपर करोड़पतियों नहीं अरबपतियों का शासन है। साथ ही स्वर्ण कौर ने कहा कि उनके भाई ने गरीब के लिए बसपा की स्थापना की थी लेकिन मायावती ने इसे हाईजैक कर लिया। उन्होंने लोगों की सेवा के लिए शादी तक नहीं की।
पंजाब में रूपनगर की रहने वाली 76 वर्षीय स्वर्ण कौर ने कहा कि उनके भाई फर्श पर सोते थे और गरीबों के साथ खड़े होते थे, लेकिन बादल और मायावती जैसे लोग गरीबों को अपने पास भी नहीं आने देते हैं। स्वर्ण कौर ने यह भी कहा कि मायावती अपनी सुविधा के लिए दलितों की बेटी वाला टैग लगाती हैं। अब मायावती करोड़पति बन गईं हैं जबकि दलित समुदाय के लोग अभी भी दो वक्त की रोटी के लिए तरसते हैं। उन्होंने मायावती से सवाल किया कि क्या वे कभी किसी गरीब के घर गई हैं और गांवों में उनकी शिकायतें सुनी हैं।
स्वर्ण कौर ने कहा कि यह गठबंधन अकाली दल और बसपा की डूबती नैया को बचाने के लिए हैं। इस गठबंधन का असली मकसद सत्ता पाना है और इससे किसी भी दलित या गरीब का कोई फायदा नहीं होने वाला है। स्वर्ण कौर ने इंटरव्यू के दौरान मायावती पर कांशीराम को उनके परिवार से अलग करने और उनके अंतिम समय में भी मिलने नहीं देने का आरोप लगाया। स्वर्ण कौर ने कहा कि मायावती को सिर्फ सत्ता चाहिए थी और इसलिए उन्होंने मेरे भाई और कई नेताओं को बसपा से बाहर कर दिया।
हालांकि, स्वर्ण कौर ने यह भी कहा कि वे आने वाले विधानसभा चुनाव में अकाली दल या बसपा में से किसी के भी टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगी। स्वर्ण कौर ने यह भी साफ़ कर दिया है कि वे किसी भी पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। बता दें कि पिछले दिनों दोनों पार्टियों ने अपने गठबंधन का ऐलान किया था। गठबंधन के ऐलान के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से फोन पर भी बात की थी।