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Kashmir in OIC Meeting : कश्मीर पर ओईसी की बैठक में चीन और पाकिस्तान ने जो किया उस पर हमें लेना होगा और सख्त स्टैंड

Janjwar Desk
24 March 2022 9:42 AM GMT
Kashmir in OIC Meeting : कश्मीर पर ओईसी की बैठक में चीन और पाकिस्तान ने जो किया उस पर हमें लेना होगा और सख्त स्टैंड
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Kashmir in OIC Meeting : कश्मीर पर ओईसी की बैठक में चीन और पाकिस्तान ने जो किया उसपर हमें लेना होगा और सख्त स्टैंड

Kashmir in OIC Meeting : इस्लामिक सहयोग संगठन ओआईसी की बैठक में वांग की ओर से जम्मू कश्मीर का जिक्र किए जाने के संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हम उद्घाटन सत्र में भाषण के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत का अनावश्यक जिक्र किये जाने को हम खारिज करते हैं।

OIC Meeting in Pakistan : पाकिस्तान (Pakistan) में हुई OIC की बैठक में जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) पर दिए चीनी विदेश मंत्री विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) के बयान को भारत ने खारिज करते हुए कहा है कि चीन सहित अन्य देशों को जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। चीन को समझना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से विचार व्यक्त करने से अब तक परहेज करता आया है। भारत के इस बयान को चीन के लिए कड़ी प्रतिक्रिया और संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) के मुताबिक, विदेश मंत्रालय (MEA) का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब वांग की संभावित भारत यात्रा के बारे में भारत और चीन के बीच संपर्क हो रहे हैं। हालांकि, दोनों ही पक्षों ने इस संभावित यात्रा को लेकर रुख साफ नहीं किया है इससे इस पर संशय बना हुआ है। इस्लामिक सहयोग संगठन ओआईसी की बैठक में वांग की ओर से जम्मू कश्मीर का जिक्र किए जाने के संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हम उद्घाटन सत्र में भाषण के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत का अनावश्यक जिक्र किये जाने को हम खारिज करते हैं।

बागची ने यह भी कहा है कि केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर से जुड़े मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि चीन सहित अन्य देशों को जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें समझना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से विचार व्यक्त करने से परहेज करता है। वांग के बयानों के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का बागची जवाब दे रहे थे। वांग ने बैठक में कहा था कि कश्मीर पर हमने आज फिर से अपने इस्लामिक मित्रों की बातें सुनी। चीन भी यही उम्मीद साझा करता है।

पहले द कश्मीर फाइल्स फिल्म और अब ओआईसी (OIC) की बैठक में कश्मीर पर चर्चा इस पूरे परिदृश्य में कश्मीर एक फिर हॉट डिश्कसन का का मामला बना हुआ है। अभी हाल ही में कश्मीर पर भारतीय गृह मंत्री ने भी एक बयान दिया था कि कश्मीर में बहुत जल्द ही ऐसी परिस्थिति बन जाएगी कि वहां सीआरपीएफ की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। उससे पहले जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) के मसले पर लोकसभा (Loksabha) में भी अपनी पीठ थपथपायी थी। मंगलवार (11 मार्च) को केन्द्र सरकार की ओर से लोकसभा में बताया गया था कि कि जम्मू कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। सरकार की ओर से बताया गया है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में भी बीते कुछ समय में कमी आयी है।

​गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित रूप से सदन को बताया था कि जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री विकास पैकेज 2015 के तहत अलग-अलग मंत्रालयों के 53 परियोजनाओं में से 25 परियोजनाओं को या तो पूरा कर लिया गया है या ये पूरा होने के अंतिम चरण में हैं। गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में यह लिखित जवाब बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के उस सवाल के जवाब में दिया है जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या जम्मू कश्मीर में हालात अब भी सामान्य नहीं हुए हैं। इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सरकार ने आ​तंकी गतिविधियों से निपटने के लिए जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था का इतजाम किया गया है। समय-समय पर अंतकी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की ओर से विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

गृह राज्य मंत्री लोकसभा में बताया कि कश्मीर में सुरक्षा के हालात पहले से बेहतर हुए हैं। आतंकी गतिविधियों और सीमापार से घुसपैठ पर के मामलों में भी कमी आयी है। गृहमंत्री ने सदन को बताया है कि जहां 2014 में सीमापर घुसपैठ के 143 मामले आए थे वहीं साल 2021 में इस तरह के सिर्फ 31 मामले दर्ज किए गए हैं। आतंकी घटनाओं में भी गिरावट दर्ज की गयी है। जहां साल 2018 में 417 आतंकी वारदात दर्ज किए गए थे वहीं साल 2021 में सिर्फ 229 आतंकी घटनाएं ही दर्ज की गईं हैं। गृह मंत्री ने कश्मीर पर अपने लिखित जवाब में सदन को बताया है कि जहां 2018 में 257 आतंकवादी मारे गए थे वहीं 2019 में 157, 2020 में 221 जबकि 2021 में 180 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मौत के उतारा है। गृह राज्य मंत्री ने इस दौरान यह भी बताया कि सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर के विकास के लिए चरणबद्ध तरीके से कई कदम उठाए जा रहे हैं।

हालांकि सरकार ने भले ही आंकड़े जारी कर कश्मीर के हालात पर अपने हाथ झाड़ लिए हैं पर जमीमी सच्चाई तो अभी भी यही है कि अभी भी यहां कम ही सही आतंकी वारदात की खबरें आती ही रहती हैं। बीते वर्ष पंचायत चुनावों में बाद अब तक कई सरपंचों की हत्या की खबरें और बिहार-यूपी के कामगारों की हत्या की खबरें भी समय-समय पर आयी है। ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिए कि अगर कश्मीर धारा 370 हटने के बाद स्थिति सामान्य होने में और कितना समय लगेगा। हम जिनती देरी करेंगी चीन और पाकिस्ताना जैसे देश बेफालतू की बयानबाजी कर हमारे खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करते रहेंगे।

क्योंकि कश्मीर के हालात जितने सामान्य होने की ओर बढ़ेगें हम विश्व समुदाय के बीच कश्मीर पर हो रहे पाकिस्तान और चीन को अनर्गल बयानबाजी को लगाम लगाने में सक्षम हो सकेंगे। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है ऐसे में भारत सरकार को पूरी दुनिया को खासकर अपने दो अहम पड़ोसियों चीन और पाकिस्तान को यह संदेश जल्द से जल्द देना चाहिए कि कश्मीर के बारे में किसी भी हल्की बयानबाजी को भारत हल्के में नहीं लेगा। कश्मीर भारत का है और भारत के साथ ही विकास की नई उंचाईयों को छूएगा। इसके लिए सरकार को अब देरी नहीं का जमीनी स्तर पर कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए।

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