महबूबा के तिरंगा बयान के बाद PDP दफ्तर पर भीड़ ने किया हमला, पार्टी नेता ने कहा हमलावर दक्षिणपंथी
(महबूबा मुफ्ती ने कहा : देश को धर्म के नाम पर बांट रही भाजपा)
जनज्वार। कल शुक्रवार 23 अक्टूबर को पीडीपी प्रमुख और महबूबा मुफ्ती ने 14 महीने बाद जेल से लौटने के बाद पहली प्रेस कांफ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू—कश्मीर का अपना अलग झंडा नहीं मिल जाता तब तक वह देश का झंडा तिरंगा नहीं लहरायेंगी।
उनके इस विवाद ने काफी विवाद पैदा किया। इसी की प्रतिक्रिया में आज भीड़ ने जम्मू स्थित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दफ्तर पर हमला किया और वहां पर देश का तिरंगा शान से लहराया।
इस मसले पर पीडीपी नेता फिरदौस टाक ने मीडिया को बताया कि भीड़ ने पीडीपी दफ्तर में मौजूद लोगों को गालियां दीं और धक्का मुक्की भी की। उन्होंने जबरदस्ती हमारे दफ्तर में तिरंगा लगाने की कोशिश की।
This shows the desperation of those claiming champions of the 'democracy'. Such acts will further our resolve for the larger interests of our own people. Will @JmuKmrPolice @mukesh_ips_jk act against the hooligans? https://t.co/yPnMYod8xU
— J&K PDP (@jkpdp) October 24, 2020
बकौल फिरदौस टाक हमलावर दक्षिणपंथी थे, क्योंकि उन्होंने एक खास रंग के कपड़े पहने हुए थे। भीड़ में शामिल लोगों ने उन्हें धमकी दी कि वे कल फिर आएंगे और दफ्तर को गिरा देंगे। हमने प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की, मैंने व्यक्तिगत तौर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क किया, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
गौरतलब है कि आज ही पीडीपी के शीर्ष नेताओं ने महबूबा मुफ्ती के घर पर बैठक की थी, जिसमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सजाद गनी, एम वाई तारिगामी, उमर अब्दुल्ला और रविंदर राणा शामिल थे।
इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि 'पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर घोषणा' राष्ट्र-विरोधी जमात नहीं है, हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों को बहाल किया जाए। हमें धर्म के नाम पर विभाजित करने के प्रयास विफल होंगे। यह धार्मिक लड़ाई नहीं है।