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कश्मीर

अनंतनाग के जंगलों में आतंकियों ने बनाया था ठिकाना, सुरक्षाबलों ने किया ध्वस्त, भारी मात्रा में हथियार भी बरामद

Janjwar Desk
21 Feb 2021 6:35 AM GMT
अनंतनाग के जंगलों में आतंकियों ने बनाया था ठिकाना, सुरक्षाबलों ने किया ध्वस्त, भारी मात्रा में हथियार भी बरामद
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर अनंतनाग के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया, सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के इस ठिकाने का भंडाफोड़ हुआ है..

जनज्वार। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग इलाके में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया है। यह आतंकी ठिकाना जंगलों के बीच बनाया गया था। आतंकियो के इस ठिकाने से सुरक्षाबलों ने तीन एके-56, दो चीनी पिस्तौल, दो चीनी ग्रेनेड, एक दूरबीन, मैगजीन्स और अन्य सामान भी बरामद किया है। आतंकियों के इस ठिकाने को सुरक्षाबलों द्वारा पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर अनंतनाग के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के इस ठिकाने का भंडाफोड़ हुआ है। ठिकाने पर बरामद हथियारों को जब्त कर लिया गया है। सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों के इस ठिकाने को पूरी तरह से नष्ट भी कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।


बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को श्रीनगर के कृष्णा ढाबे फायरिंग मामले में पकड़े गए आतंकी से पूछताछ के क्रम में आतंकियों के इस ठिकाने की जानकारी मिली थी। बता दें कि सुरक्षाबलों को इससे पहले मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के बीरवाह इलाके में आतंकियों के होने की भी खुफिया जानकारी मिली थी।

इसी सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने बीते शनिवार को संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी अभियान के दौरान मीरपोरा गांव की घेराबंदी कर आने-जाने के रास्ते बंद कर दिए गए थे, लेकिन सुरक्षाबलों को आतंकियों का कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा। इसके बाद ऑपरेशन स्थगित कर दिया गया था।

उधर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आतंकी हमले में शहीद हुए जवान के परिजनों से आज मुलाकात की। इसके बाद मुफ़्ती ने कहा, 'जम्मू कश्मीर के लोग, पुलिसकर्मी और जवान आखिर कबतक बलिदान देते रहेंगे। बीजेपी लगातार कहती रही है कि यह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित हिंसा है। ऐसे में उन्हें इसे कम करने के लिए कम से कम वार्ता की पहल तो करनी चाहिए।'




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