Jammu-Kashmir Delimitation Commission Report : विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ, अब केवल इस बात का इंतजार
Jammu-Kashmir Delimitation Commission Report : विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ, अब केवल इस बात का इंतजार
Jammu-Kashmir Delimitation Commission Report : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों को तय करने को लेकर गठित जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने गुरुवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की ओर से रिपोर्ट जारी होने के बाद वहां पर विधानसभा चुनाव ( Jammu-Kashmir Assembly Election ) का रास्ता भी साफ हो गया है। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट जारी होने के बाद अब केंद्र सरकार को तय करना है कि वहां पर विधानसभा चुनाव कब कराए जाएंगे।
विधानसभा की कुल 7 सीटें बढ़ीं
जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट ( Jammu-Kashmir Delimitation Commission Report ) के मुताबिक विधानसभा सीटों की परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल सात विधानसभा सीटें बढ़ जाएंगी। जेकेडीसी फाइनल रिपोर्ट ( JKDC Final Report ) के मुताबिक जम्मू रीजन में 6 और कश्मीर में एक सीट बढ़ेगी।
जल्द होंगे विधानसभा चुनाव
गुरुवार को जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की ओर से केंद्र शासित प्रदेश की फाइनल रिपोर्ट जारी करने के साथ ही आयोग के पास राज्य में विधानसभा और लोकसभा सीटों की परिसीमा तय करने की जो जिम्मेदारी थी वो पूरी हो गई है। घाटी में विधानसभा चुनाव के लिए इसी रिपोर्ट का इंतजार हो रहा था। अब उम्मीद है कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर में चुनावी बिगुल भी बज सकता है।
बता दें कि विधानसभा सीटों की परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल सात विधानसभा सीटें बढ़ जाएंगी। जेकेडीसी रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू रीजन में 6 और कश्मीर में एक सीट बढ़ेगी। इसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें होंगी जिसमें से 47 कश्मीर संभाग और 43 जम्मू संभाग की होंगी। इसके अलावा 9 सीटें अनुसूचित जनजाति और 07 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा लोकसभा की 5 सीटें होंगी।
जेके में 2018 से नहीं है चुनी हुई सरकार
वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में जून 2018 से कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। जब यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी उसके बाद ही चुनाव का ऐलान होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात का वादा किया है कि चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्यों की तरह काम करने का मौका मिलेगा। यह पैनल सरकार ने मार्च 2020 में बनाया था। इसकी हेड सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई थीं। इसके अलावा चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा और डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंद्र भूषण कुमार इस पैनल में शामिल थे। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने और लद्दाख को अलग टेरटरी बनाने के बाद कमिशन ने यहां 83 से बढ़ाकर 90 विधानसभा सीटें करने का प्रस्ताव पेश किया था।
इससे पहले 1995 में हुआ था परिसीमन
Jammu-Kashmir Delimitation Commission Report : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इससे पहले परिसीमन 1995 में हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर में 12 जिले और 58 तहसील थीं। इस समय केंद्र शासित प्रदेश में 20 जिले हैं औऱ तहसीलों की संख्या बढ़कर 270 हो गई है। परिसीमन का मुख्य आधार जनसंख्या रहता है। इसके अलावा भौगोलिक स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है।