'साहसी रिपोर्टिंग' के लिए कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट मसरत जहरा को मिला पीटर मैकलर अवॉर्ड
श्रीनगर। कश्मीर की फोटो जर्नलिस्ट मसरत जाहरा को पीटर मैकलर अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया गया है। मसरत को यह अवॉर्ड 'कश्मीर की महिलाओं की स्टोरी' बताने के लिए साहस और नैतिकता के लिए दिया गया है। इस मौके पर ग्लोबल मीडिया फ़ोरम ट्रेनिंग ग्रुप की अध्यक्ष और पीटर मैकक्लर अवार्ड की संस्थापक कैथरीन एंटोनी ने कहा कि मसरत जाहरा ने उन गुणों को प्रदर्शित किया जिसके लिए मेरे दिवंगत पति पीटर मैकलर ने नई पीढ़ी को प्रेरित किया था।
कैथरीन ने कहा कि बिना इसकी परवाह किए बिना कि जोखिम कितना है, मसरत ने पूरे समर्पण, मानसिक निडरता और रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ दुनिया को गवाही देने के लिए रिपोर्टिंग की और हमारी पसंद को आसान बनाया।
I am glad to receive the 2020 Peter Mackler Award. pic.twitter.com/9lNIFpcUrL
— Masrat Zahra (@Masratzahra) August 22, 2020
अवार्ड प्रशस्ति पत्र में उल्लेख किया गया है कि उनके काम के दौरान सुश्री ज़हरा को पुलिस द्वारा बुलाया गया और फर्जी समाचार फैलाने और राज्य के दुश्मनों को समर्थन देने का आरोप लगाया गया। अप्रैल में ज़ाहरा और जम्मू और कश्मीर के एक अन्य पत्रकार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत उद्धृत किया गया था।
इससे पहले 26 वर्षीय फोटो जर्नलिस्ट जाहरा को अंतर्राष्ट्रीय महिला मीडिया फाउंडेशन द्वारा Anja Niedringhaus Courage In Photojournalism Award 2020 से सम्मानित किया गया था, जो साहसिक कार्य के लिए महिला फोटो जर्नलिस्ट को दिया जाता है। उनके काम की सराहना, द कारवां, द वाशिंगटन पोस्ट, टीआरटी वर्ल्ड, अलजजीरा, द न्यूज ह्यूमैनिटेरियन, धर्म अनप्लग्ड और कई अन्य मीडिया आउटलेट्स के द्वारा की जा चुकी है।
यह वही कश्मीर फोटो जर्नलिस्ट मसरत जहरा हैं जिन पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए UAPA लगाया गया था और जनज्वार ने उनकी बात को प्रमुखता से वीडियो माध्यम से उठाया था। फेसबुक पर मसरत जहरा की बात सबसे पहले जनज्वार पर ही आई थी, उसके बाद इंटरनेशनल मीडिया ने इसे उठाया। अब उन्हीं मसरत जहरा को पीटर मैकलर अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
यह अवॉर्ड ग्लोबल मीडिया फोरम ट्रेनिंग ग्रुप, 501 (C) (3) संगठन का एक प्रोजेक्ट है। इसके साथ भागीदारी में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और एजेंस फ्रांस प्रेस भी शामिल हैं।