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Pulwama Encounter : 'मेरा बेटा निर्दोष था, उसका शव लौटाओ', पुलवामा मुठभेड़ में मारे गए युवक के परिजनों की मांग

Janjwar Desk
31 Jan 2022 12:43 PM IST
Pulwama Encounter : मेरा बेटा निर्दोष था, उसका शव लौटाओ, पुलवामा मुठभेड़ में मारे गए युवक के परिजनों की मांग
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(श्रीनगर में पुलिस नियंत्रण कक्ष के बाहर रोते बिलखते परिजन। तस्वीर : फैजान मीर/जनज्वार)

Pulwama Encounter : पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि घर के मालिक के बेटे इनायत अहमद को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने आतंकवादियों के साथ मिलकर सुरक्षा बलों पर गोलियां चला दीं और मारा गया.....

Pulwama Encounter : दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के नायरा गांव में रविवार 30 जनवरी को हुई मुठभेड़ (Pulwama Encounter) में चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि जैश (JeM) के कश्मीर प्रमुख सहित तीन आतंकवादी थे और एक 'हाइब्रिड आतंकी' था। हालांकि इनायत अहमद मीर (Inayat Ahmed Mir) के परिवार का दावा है कि वह 'हाइब्रिड आतंकवादी' नहीं बल्कि एक नागरिक था। इनायत के परिजनों ने मांग की है कि इनायत के शव को लौटाया जाए।

रविवार की सुबह श्रीनगर (Srinagar) में पुलिस नियंत्रण कक्ष (Police Control Room) के बाहर सड़क पर शव की प्रतीक्षा करते हुए जान याद करते हुए कहती हैं, मेरी गर्भवती प्रेग्नेंट बहन और मुझे पता नहीं था कि बाहर क्या हो रहा है। घर में कोई और नहीं था।

रूही जान याद करते हुए कहती हैं कि सिविल कपड़ों में कुछ लोग उनके घर में घुसे और कमरों की तलाशी लेने लगे। पहले उन्होंने घर की तलाशी ली और चले गए। लेकिन तीन घंटे बाद वे फिर आए और मुझे व मेरी बहन को एक कमरे में रहने के लिए कहा। इसके बाद अचानक फायरिंग शुरू हो गई।

जान ने बताया कि हमें पता नहीं था कि गोलीबारी कहां से हो रही थी। हम मदद के लिए रोए और घर से बाहर निकालने के लिए चिल्लाते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। रात में हम एक रिश्तेदार के घर में शिफ्ट होने में सफल रहे।

जान के 23 वर्षीय भाई नवीद हुसैन मीर जो मुठभेड के दौरान सुरक्षा बलों के साथ था उसको जाने दिया गया लेकिन रविवार की सुबह फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। जान के मुताबिक नवीद को सुबह रिश्तेदार के घर ले जाया गया जहां परिवार ने रात गुजारी। इसके बाद वाहन में बांधने से पहले उसे बेरहमी से पीटा गया।

इस सबके बीच जान का एक और सत्रह वर्षीय भाई इनायत अहमद मीर गायब था। उसे किसी ने नहीं देखा। इनायत की मां मुगली बेगम ने कहा कि उन्हें पता था कि उनका बड़ा बेटा नवीद एक तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के साथ था लेकिन इनायत के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।


सुबह पुलिस ने कहा कि जान के घर पर हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी और एक हाइब्रिड आतंकवादी मारा गया है। मरने वालों इनायत भी एक था। बेगम ने कहा, सुबह में ही हमें (परिवार) पता चला कि वह (इनायत) मुठभेड़ में मारा गया है।

मुठभेड़ खत्म होने के कुछ घंटों बाद पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि घर के मालिक के बेटे इनायत अहमद को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने आतंकवादियों के साथ मिलकर सुरक्षा बलों पर गोलियां चला दीं और मारा गया।

कुमार ने कहा, वह एक हाईब्रिड आतंकवादी था। उन्होंने यह भी कहा कि मकान मालिक इनायत के पिता गुलाम कादिर मीर को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत पांच साल से कम की सजा के साथ बुक किया जाएगा।

लेकिन इनायत के परिवार का दावा है कि वह निर्दोष था। गोलीबारी खत्म होने के बाद परिजन (रूही जान और उसके माता पिता) श्रीनगर में पुलिस नियंत्रण कक्ष पहुंचे। परिजनों के मुताबिक, जब मुठभेड़ हुई इनायत त्रिसाल गांव में अपने पैतृक गांव में था। पिता मीर के मुताबिक उसकी (इनायत) की दादी की दो दिन पहले ही मौत हुई थी। तो उसके साथ पूरा परिवार पिछले दो दिनों से पैतृक घर में था।

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