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कश्मीर

Terror Funding Case : NIA कोर्ट ने माना यासीन मलिक को कसूरवार, खुद पर लगे आरोपों को चुनौती देने से किया था इनकार

Janjwar Desk
19 May 2022 1:45 PM IST
Yasin Malik Hunger Strike : तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा अलगाववादी नेता यासीन मलिक, मांग न माने जाने से है नाराज
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Yasin Malik Hunger Strike : तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा अलगाववादी नेता यासीन मलिक, मांग न माने जाने से है नाराज

Terror Funding Case : हाल ही में यासीन मलिक ने खुद कबूला था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।

Terror Funding Case : कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ( Separatist leader yasin Malik ) को टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिया गया है। एनआईए कोर्ट ( NIA court ) ने इस मामले में यासीन मलिक ( Yasin Malik ) को दोषी पाया है। इस मामले में यासीन मलिक को कितनी सजा मिलेगी इस पर फैसला 25 मई को होगा। हाल ही में यासीन मलिक ने खुद कबूला था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों ( UAPA ) में शामिल रहा है।

कोर्ट ने मलिक से मांगा संपत्ति बंटवारे का एफिडेविट

19 मई को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एनआईए से कहा कि वह यासीन मलिक की आर्थिक स्थिति का पता करे। कोर्ट ने यासीन मलिक ( Yasin malik ) को भी अपनी संपत्ति के बारे में एफिडेविट देने को भी कहा है।

खुद पर लगे आरोपों को चुनौती देने से किया था इनकार

यासीन मलिक ने पिछली सुनवाई में अदालत को बताया था कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने) व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने ) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता।

इन मामलों में पाया गया दोषी

अलगाववादी नेता यासीन मलिक ( Separatist leader yasin Malik ) के खिलाफ यूएपीए कानून के तहत 2017 में आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने, आतंक के लिए पैसा एकत्र करने, आतंकवादी संगठन का सदस्य होने जैसे गम्भीर आरोप थे, जिसे उसने चुनौती नहीं देने की बात कही और इन आरोपों को स्वीकार कर लिया। यह मामला कश्मीर घाटी में आतंकवाद से जुड़े मामले से संबंधित हैं।

कई आतंकी हमलों में रहा है शामिल

Terror Funding Case : यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़ा है। 2019 में केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था। मलिक ( Separatist leader yasin Malik ) अभी तिहाड़ जेल में बंद है। यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था। उस पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण का भी आरोप है। मलिक पर 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने जैसे तमाम गंभीर आरोप हैं। यासीन मलिक ने दिल्ली की अदालत में यूएपीए के तहत दर्ज ज्यादातर मामलों में अपने पर लगे आरोपों को मंजूर कर लिया है।


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