दुरबीन लेकर हवाई सर्वेक्षण में ट्रोल हुए केशव प्रसाद, लोग बोले क्या मार्कशीट खोज रहे मौर्या जी
हवाई सर्वेक्षण के दौरान केशव प्रसाद मौर्या (photo - twitter)
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिन इटावा सहित तमाम जनपदों का हवाई सर्वेक्षण किया था। इसी कड़ी में आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भी हवाई सर्वेक्षण पर निकले। जिसकी जानकारी उन्होने ट्वीट कर दी।
आज लखनऊ से जनपद प्रयागराज के हवाई मार्ग में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।#FloodReliefInSangam pic.twitter.com/xgEn2qvPYg
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 12, 2021
अपने द्वारा किए गये ट्वीट में इन्होने लिखा कि, 'आज लखनऊ से जनपद प्रयागराज के हवाई मार्ग में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।' अपने इस ट्वीट के बाद केशव प्रसाद मौर्या को विपक्ष के नेताओं सहित कई अन्य ने ट्वीट को रिट्वीट करते हुए चुहलबाजी शुरू कर दी।
मार्कशीट तलाश रहे हैं क्या मौर्या जी? pic.twitter.com/oAnurXU9YI
— Jairam Pandey (@jairampandey312) August 12, 2021
सपा नेता जयराम पांडेय ने लिखा है कि, 'मार्कशीट तलाश रहे हैं क्या मौर्या जी? वहीं सपा नेता आईपी सिंह ने भी तंज कसा है। उन्होने लिखा कि, मौज ही मौज हो रही है। लगे हाथ मीडिया,सोशल मीडिया के लिए फोटो सेशन भी, #साहेब यूपी के लोकनिर्माण मंत्री हैं और 5 वर्ष सड़क पर गरीब,लाचार जनता के बीच कभी नही चले।'
मौज ही मौज हो रही है।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 12, 2021
लगे हाथ मीडिया,सोशल मीडिया के लिए फोटो सेशन भी,#साहेब यूपी के लोकनिर्माण मंत्री हैं और 5 वर्ष सड़क पर गरीब,लाचार जनता के बीच कभी नही चले..... https://t.co/1CEMgKf4qC
गौरतलब है कि, कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के फर्जी डिग्री मामले में एसीजेएम कोर्ट ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने एसएचओ कैंट से एक सप्ताह के अंदर दो बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। केशव मौर्या पर चुनावी हलफनामें में फर्जी मार्कशीट लगाने का आरोप है। आरोप यह भी है कि उन्होने हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट लगाकर इंडियन ऑयल से पेट्रोल पंप हासिल किया है।
वरिष्ठ भाजपा नेता व आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी ने केशव प्रसाद मौर्या पर गंभीर आरोप लगाये थे। दिवाकर त्रिपाठी का कहना है कि, उन्होने फर्जी डिग्रियां लगाकर 5 बार अलग-अलग चुनाव लड़े हैं। आरोप यह भी हैं कि, चुनाव लड़ने के दौरान जो अलग अलग शैक्षिक प्रमाणपत्र लगाए गये हैं, उनमें वर्ष अलग-अलग दर्ज हैं।