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Janjwar Impact : खबरों की खुन्नस में Etv पत्रकार की नौकरी खाने वाले झांसी DM आंद्रा वामसी को हटाया पद से

Janjwar Desk
24 Oct 2021 4:51 PM IST
Janjwar Impact : खबरों की खुन्नस में Etv पत्रकार की नौकरी खाने वाले झांसी DM आंद्रा वामसी को हटाया पद से
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झांसी के डीएम के तबादले को आंदोलनरत किसानों ने खुद की जीत बताया। 

योगी सरकार ने किसानों की मांग पर अमल करते हुए झांसी के डीएम का तबादला कर वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है....

झांसी।.लंबे अरसे से झांसी के डीएम आन्द्रा वामसी के कुशासन के खिलाफ जारी आंदोलन आज निर्णायक साबित हुआ। भ्रष्ट डीएम वामसी के खिलाफ जनज्वार ने सबसे पहले ईटीवी के जिला संवाददाता लक्ष्मी नारायण शर्मा के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था। जनज्वार में खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के ठीक एक माह बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया। योगी सरकार ने इस मामले में अहम फैसला लेते हुए डीएम वामसी को झांसी से हटाकर वेटिंग में डाल दिया है। अब उनकी जगह रवींद्र कुमार को नया डीएम बनाया गया है।

दरअसल, 23 सितंबर, 2021 को जनज्वार ने अपनी खबर में बताया था कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में पत्रकारों का उत्पीड़न लगातार जारी है। यहां खबर छापने को लेकर तो कभी अफसरों की खुन्नस का शिकार जिलों में तैनात रिपोर्टर बन रहे हैं। सामाजिक संगठनों के लोगों को भी डीएम अपनी नाराजगी का शिकार बनाते हैं। जनपद झांसी ईटीवी के जिला संवाददाता को डीएम की शिकायत करने का खामियाजा अपनी नौकरी गंवाकर भुगतना पड़ा था। जिला संवादाता की गलती यह थी कि उन्होंने कोविड के प्रथम चरण में बिना मास्क पहने जिलाधिकारी को सड़कों पर वाहन चेक करते दिखाया था। यह खबर ईटीवी भारत की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके बाद डीएम ने उन्हें कई मौके पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रताड़ित किया। यह मामला उच्च स्तर तक पहुंचने के बाद शासन ने डीएम वामसी को झांसी से हटाया फैसला लिया है।


डीएम आन्द्रा वामसी के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए तहरीर देने वाले ईटीवी भारत के निष्कासित पत्रकार लक्ष्मी नारायण शर्मा कहते हैं कि वह उत्पीड़न की वजह से मानसिक अवसाद की स्थिति में में हैं। अब उन्हें पुलिस व प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की उम्मीद है। लगभग एक महीने पहले पत्रकार ने डीएम पर प्रताड़ना व मानहानि का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करने के लिए झांसी के एसएसपी को तहरीर दी थी। इसके साथ ही झांसी मंडल के कमिश्नर व मुख्यमंत्री से भी मामले की शिकायत की गई थी। शिकायत से नाराज डीएम ने व्यक्तिगत सम्बन्धों का इस्तेमाल कर लक्ष्मी नारायण शर्मा को ईटीवी भारत से निष्कासित करा दिया था।

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दूसरी तरफ अपने कार्यकाल में विवादों में रहे डीएम आन्द्रा वामसी के तबादले के बाद झांसी के आम लोगों और संगठनों ने राहत की सांस ली है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस तबादले को एक भ्रष्ट युग का अंत करार दिया है तो कुछ लोगों ने मिठाई बांटने का ऐलान किया है। किसान नेता गौरी शंकर विदुआ ने फेसबुक पर लिखा है - जनपद झांसी ने ली राहत की सांस। एक भ्रष्ट युग का अंत। बधाई। फेसबुक पर व्यापारी नेता राघव वर्मा ने लिखा है - झांसी में इतनी खुशी का माहौल फेसबुक और वाट्सप पर क्यों हैं? तबादला एक्सप्रेस। इसी पोस्ट पर कमेंट में किसान नेता गौरी शंकर विदुआ ने लिखा है कि किसान आंदोलन में कल बंटेगी मिठाई।

गौरी शंकर विदुआ चौधरी उपाधि से सम्मनित

किसान संगठनों के नेताओं ने इस मौके पर प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को मामले की जानकारी दी। भारतीय प्रजाशक्ति पार्टी ने इस तबादले को किसान आंदोलन की जीत बताते हुए आंदोलन के प्रणेता और किसान नेता गौरी शंकर विदुआ को सम्मानित सम्मानित भी किया।

किसानों को मिली भ्रष्ट डीएम से निजात

भारतीय प्रजशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज रावत ने कहा कि गौरी शंकर विदुआ किसानों की समस्याओं को लेकर तीन महीने से गांधी उद्यान पर धरने पर बैठे थे। इस दौरान उन्होंने यात्रा कर सरकार और प्रशासन को चेताया कि किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो विराट आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने कहा कि झांसी के जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी किसानों की मांगों के विरोध में काम कर रहे थे। आंदोलन को देखते हुए शासन ने इनका तबादला कर झांसी को एक भ्रष्टाचारी अफसर से मुक्ति दिलाई है। इसी के साथ आज हमने किसान नेता गौरी शंकर विदुआ को चौधरी की उपाधि देकर सम्मानित किया है।

3 माह से मुआवजे को लेकर जारी था आंदोलन

दूसरी ओर किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि हम तीन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। बांध से प्रभावित गांव के लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए हम तीन महीने से धरने पर बैठे हैं। यहां जो जिलाधिकारी थे, उनकी सोच इतनी किसान विरोधी है कि हम जब भी उनके पास गए तो उन्होंने आश्वासन तक नहीं दिया। सिंचाई विभाग हमारी मांगों को मानने को तैयार था लेकिन जिलाधिकारी ने पत्रों को रुकवा दिया। आन्द्रा वामसी हमारी मांगों की राह में बहुत बड़े रोड़ा थे।

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