Kisan Andolan : खालिस्तानी इंस्टा पोस्ट मामले में अपील का जवाब न मिलने पर मुंंबई पुलिस के सामने पेश हुईं कंगना रनौत
कंगना रनौत मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में अपना बयान दर्ज कराने पहुंची।
Mumbai News । सिख समुदाय ( Sikh Community ) के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) मुंबई स्थित खार पुलिस स्टेशन पहुंचीं। इस मामले में मुंबई पुलिस ( Mumbai Police ) ने उनके खिलाफ धारा 295A के तहत केस दर्ज करने के बाद बयान देने के लिए पेश होने को कहा था। बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था।
पुलिस से मांगी थी छूट
एक दिन पहले कंगना रनौत को अपना बयान दर्ज कराने के लिए खार पुलिस स्टेशन पहुंचना था, लेकिन अभिनेत्री अपना बयान दर्ज करवाने नहीं आई थीं। उन्होंने मुंबई पुलिस से छूट की मांग करते हुए नई तारीख मांगी थी, लेकिन पुलिस ने उनकी अपील का कोई जवाब नहीं दिया था। मुंबई पुलिस का जवाब न मिलने के बाद वो खुद थाने पहुंचीं और उनके बयान रिकार्ड किए जा रहे हैं।
कंगना ने दिया था विवादित बयान
किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में किसानों के आंदोलन ( Farmer's Protest ) को कथित रूप से एक अलगाववादी समूह से जोड़ते हुए सिख समुदाय पर अपनी टिप्पणी की थी। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर सोशल मीडिया पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी लिखने के चलते देशभर में इसका कड़ा विरोध हुआ था। इसी बात को लेकर कंगना रनौत के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन ( Mumbai Khar Police Station ) में मामला दर्ज कराया गया था।
सिखों ने कंगना के बयान को किसानों का अपमान माना
सिख समुदाय को अपमानित करने के मामले में मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक सिख संगठन ने कंगना के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी। संगठन ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि कंगना रनौत ने किसानों की तुलना खालिस्तानियों से की है और ये किसानों का अपमान है। कंगना रनौत आज सुबह 11 बजे खार थाने पहुंचीं। उनके वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंची थीं। खार पुलिस स्टेशन ने इस महीने की शुरुआत में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था।
मुंबई पुलिस ने 25 जनवरी तक गिरफ्तार न करने का भरोसा दिया था
इससे पहले मुंबई पुलिस ने बम्बई उच्च न्यायालय को बताया था कि वह 25 जनवरी, 2022 तक रनौत को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गिरफ्तार नहीं करेगी, जिसमें किसानों के विरोध प्रदर्शन को कथित तौर पर एक अलगाववादी समूह से जोड़ा गया था। पुलिस का यह बयान तब आया था, जब उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस मुद्दे में रनौत की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का बड़ा सवाल शामिल है और अदालत को उन्हें कुछ अंतरिम राहत देनी होगी। रनौत ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख किया था और अपने खिलाफ खार पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था।