संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन को बड़े प्लेटफार्म पर ले गया, BJP-RSS पर लगाया सांप्रदायिक रंग देने का आरोप
प्रतीकात्मक फोटो
जनज्वार। किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन को अधिक बड़े प्लेटफार्म पर ले गया है। मोर्चा ने शनिवार सुबह एक ट्वीट कर #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग का उपयोग कर लोगों से ट्वीट करने की अपील की। मोर्चा के इस अपील के बाद सुबह सवा दस बजे तक एक लाख छह हजार से अधिक ट्वीट किए जा चुके थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने इस ट्वीट को संयुक्त राष्ट्र संघ, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट वाच और UN Special Rapporteur Freedom of Association को टैग किया है।
Please use this hashtag today#ModiPlanningFarmerGenocide
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) January 30, 2021
Please use this hashtag today and support farmers @cvoule@hrw@un@amnesty pic.twitter.com/B4VnaW7h4a
इसके साथ ही एक बयान के माध्यम से आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसान आंदोलन को अब सांप्रदायिक रंग देना चाहती है। मोर्चा के अनुसार, गाजीपुर बाॅर्डर व सिंघु बाॅर्डर पर माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। मोर्चा ने कहा कि सरकार द्वारा गाजीपुर व सिंघु बाॅर्डर पर पिछले तीन दिनों में माहौल को खराब करने के विफल प्रयास किए गए हैं।
मोर्चा ने शुक्रवार रात जारी प्रेस बयान में कहा है कि इससे यह साबित होती है कि सरकार पुलिस एवं भाजपा-आरएसएस के लोगों के द्वारा आंदोलन को खत्म करना चाहती है। टिकरी के धरने पर ऐसे ही असफल प्रयास किए गए हैं। मोर्चा ने कहा है कि गाजीपुर बाॅर्डर पहुंच रहे किसानों का प्यार देखकर अभिभूत है। सरकार व कई संगठनों ने यह मान लिया था कि गाजीपुर का आंदोलन खत्म हो गया है, लेकिन उत्तरप्रदेश और हरियाणा के किसानों ने फिर यह साबित कर दिया कि उनका हौसला बुलंद है।
Press note dated 29 Jan 2021 #FarmerTikaitVsModiDakait pic.twitter.com/ux0y5yqGks
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) January 29, 2021
किसान मोर्चा ने आह्वान किया है कि शनिवार को गांधी जी के शहादत दिवस के मौके को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाए और सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक दिल्ली के सभी बाॅर्डर व देश भर में भूख हड़ताल रखा जाए।
मोर्चा ने कहा है कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण था और शांतिपूर्ण ही रहेगा। सरकार जिस तरह सुनियोजित झूठ और हिंसा फैला रही है, उसका विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। मोर्चा ने पुलिस की हिंसा की निंदा की है और कहा है कि धरना स्थल पर आसपास के निवासियों का पूर्ण समर्थन रहा है। सरकार के लोग उन लोगों को किसानों के खिलाफ भड़का रहे हैं, लेकिन उनकी कोशिश विफल रही है।