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LAC : चीन की नापाक चाल को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, 4 इजरायली Heron drones लद्दाख में तैनात, जाम करना मुश्किल

Janjwar Desk
30 Nov 2021 5:10 PM IST
LAC : चीन की नापाक चाल को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, 4 इजरायली Heron drones लद्दाख में तैनात, जाम करना मुश्किल
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भारतीय सेना ने इजरायल से मिले चार हेरोन ड्रोन एलएसी पर तैनात कर दिए हैं। 

भारतीय सेना ने हेरोन ड्रोन्स को लद्दाख सेक्टर में तैनात कर दिया है। अब ये आसमान से ही चीनी सेना की हरकतों पर पैनी नजर रखेंगे और पल-पल की जानकारी देंगे।

Ladakh : पिछले डेढ़ साल से चीन ( china ) की सेना लद्दाख सीमा ( ladakh Border ) के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ नापाक साजिश में जुटी है। इस काम के लिए वो पाकिस्तान को भी उकसा रहा है। चीन ड्रोन के जरिए इस काम को अंजाम देता रहा है। अब चीन ने ऐसा किया तो उसे तत्काल मुंह की खानी पड़ेगी। ऐसा इसलिए कि भारतीय सेना ( Indian army ) ने इजरायल ( Israel ) से मिले चार हेरोन ड्रोन एलएसी पर तैनात कर दिए हैं।

भारतीय सेना को इजरायल से ऐसे ड्रोन्स मिले हैं, जिनके कैमरे, सेंसर्स और राडार किसी बाज की नजरों की तरह तेज हैं। इनका नाम हेरोन ड्रोन्स ( Heron Drones) है। भारतीय सेना ने हेरोन ड्रोन्स को लद्दाख सेक्टर में तैनात कर दिया है। अब ये आसमान से ही चीनी सेना की हरकतों पर पैनी नजर रखेंगे। चीन की हर गतिविधि की जानकारी भारतीय सेना और इंटेलिजेंस को मिलती रहेगी।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस है ड्रोन

इजरायल से मिले ये चार हेरोन ड्रोन्स (Heron Drones) अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। भारतीय सेना में मौजूद सभी ड्रोन्स की तुलना में इनकी ताकत, क्षमता, उड़ान का समय सबकुछ बेहद ज्यादा है। इसकी खास बात ये है कि दुश्मन देश चाहते हुए भी ड्रोन्स को किसी तरह से जैम नहीं कर पाएगा। इनमें एंटी-जैमिंग ( Anti-Jamming ) तकनीक लगी है, जो पहले के ड्रोन्स की तुलना में ज्यादा दमदार है।

Heron Drone की नजरों से बच नहीं पाएगा ड्रैगन

इजरायली हेरोन ड्रोन ( Heron Drone ) में कई तरह के सेंसर्स और कैमरा भी लगे हैं। सेंसर- थर्मोग्राफिक कैमरा यानी इंफ्रारेड कैमरा जो रात में या अंधेरे में देखने में मदद करते हैं। इसके अलावा विजिबल लाइट एयरबॉर्न ग्राउंड सर्विलांस दिन की रोशनी में तस्वीरें लेता है। साथ ही इंटेलिजेंस सिस्टम्स समेत कई तरह के राडार सिस्टम लगे है। इस ड्रोन की सबसे बड़ी बात ये है कि टारगेट को लॉक करके उसकी सटीक पोजिशन आर्टिलरी यानी टैंक या इंफ्रारेड सीकर मिसाइल को दे सकता है। यानी सीमा के पास से ड्रोन से मिले सटीक टारगेट पर हमला किया जा सकता है।

भारतीय सेना की जरूरतों के हिसाब से किया गया है तैयार

इजरायली एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने भारत की जरूरतों के लिहाज से निगरानी करने वाले उपकरणों में खास ड्रोन तैयार किए हैं। इन खास एयरक्राफ्ट को आज के आधुनिक युद्ध स्थलों से खुफिया जानकारी हासिल करने में महारत हासिल है। हेरॉन एक मीडियम एल्टीट्यूड का UAV है। इसे खास तौर पर निगरानी और सर्विलियंस ऑपरेशंस के लिए बनाया गया है।

बता दें कि भारतीय सेना ने लद्दाख में सेना, हथियारों, विमानों, मिसाइलों की संख्या अप्रैल 2020 में चीन के साथ LAC पर हुए संघर्ष के बाद ही बढ़ा दी थी। साथ ही निगरानी के लिए सैटेलाइट्स की मदद भी ली जा रही थी। अब ड्रोन्स की मदद मिलने से सर्विलांस और रिकॉन्सेंस में काफी ज्यादा मदद मिलेगी। इजरायल से मिले चारों ड्रोन्स लेह पहुंचने के बाद नियत स्थान पर तैनात किए जा चुके हैं।

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