Lakhimpur Kheri Breaking : क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ आशीष मिश्रा टेनी, लेकिन उम्मीद कम रखिए क्योंकि आरोपी नहीं बतौर गवाह हुआ है पेश
तमाम जद्दोजहद के बाद क्राइम ब्रांच में पेश हुआ मंत्रीपुत्र आशीष टेनी (file photo)
Lakhimpur Kheri Violence (जनज्वार) : लखीमपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी (Ashish Mishra teni) आज क्राइम ब्रांच (crime branch) पहुंच गया है। थोड़ी देर में आशीष से पूछताछ की जाएगी। उसके बयान दर्ज किए जाएंगे। इस पहले पुलिस ने आशीष मिश्रा के घर पर दूसरा नोटिस लगा दिया। जिसमें लिखा गया है कि आज 11 बजे तक आशीष मिश्रा पेश नहीं हुए तो उन्हें फरार घोषित किया जाएगा।
#lakimpurkheri रिजर्व पुलिस लाइन के क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंचा आशीष मिश्रा टेनी. पूछताछ शुरू. मीडिया को दूर रख रही पुलिस. pic.twitter.com/b2sQgf7A0J
— Janjwar Media (@janjwar_com) October 9, 2021
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) मामले पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट राज्य सरकार की कार्रवाई से खुश नहीं हैं। वहीं यूपी सरकार का पक्ष रख रहे वकील के जज हरीश साल्वे ने कहा कि कल 11 बजे आरोपी आशीष मिश्रा पेश नहीं हुए तो कानून अपना काम करेगा। कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार नाकारा अफसरों को जांच से हटा दे। कोर्ट ने नोटिस पाने वाले पेश न हुए तो यूपी सरकार सख्त कदम उठाएगी।
कोर्ट ने कहा कि क्या आरोपी आम आदमी होता तो उसे इतनी छूट मिलती। SIT में सिर्फ स्थानीय अधिकारियों को रखा गया है। यह मामला ऐसा जिसे CBI को सौंपना भी सही नहीं रहेगा। हमें कोई और तरीका देखना होगा। डीजीपी सबूतों को सुरक्षित रखें। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को की जाएगी।
मंत्रीपुत्र आशीष टेनी पर धाराओं के तहत केस
आशीष मिश्रा के खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) में दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा ने किसानों पर गोलियां चलाई थीं और वह किसानों को कुचलने वाली कार में भी मौजूद था। आशीष मिश्रा के खिलाफ बहराइच जिले निवासी जगजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
आशीष मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 147/148/149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-ए (लापरवाही से मौत), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज हुआ है। बावजूद इसके पुलिस ने संगीन धाराओं के आरोपी को गवाह के बतौर पेश होने का नोटिस दिया है, तो आप सजा या न्याय की उम्मीद कम ही रखिए।