Lakhimpur Kheri Update : मनीष गुप्ता हत्याकांड के बाद लखीमपुर में भी पुलिस की लीपापोती, दिन की हिंसा का रात के अंधेरे में रीक्रिएशन
(लखीमपुर कांड में लोगों का कहना है पुलिस खानापूर्ति कर रही)
Lakhimpur Kheri Update (जनज्वार) : लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) को 75 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं मंगलवार रात साढ़े 11 बजे तिकुनिया में अग्रसेन इंटर कॉलेज के सामने जहां घटना हुई थी, वहां पुलिस टीम ने घटना का रीक्रिएशन किया। इस दौरान जांच टीम ने वीडियो और बयानों के आधार पर उस दिन क्या और कैसे हुआ था यह समझने की कोशिश की।
बुधवार 6 अक्टूबर को सामने आई जानकारी के मुताबिक, दोपहर में हुई हिंसा की इस घटना का पुलिस ने अंधेरे में रीक्रिएशन क्यों किया? यह बात किसी के गले से नहीं उतर रही है। पुलिस टीम ने भी इस बारे में कुछ नहीं कहा। किसानों और स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। अब तक किसी की गिरफ्तारी न होना इस बात को स्पष्ट करता है।
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— Janjwar Media (@janjwar_com) October 6, 2021
लखीमपुर खीरी में किसानों को कैसे रौंद डाला था उसका साफ वीडियो आ गया है सामने, अब भी शक है कि कौन है दोषी pic.twitter.com/XBfKFb0axi
हालांकि, एक पुलिस अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंगलवार शाम को साढ़े 7 बजे एडिशनल SP के नेतृत्व में हिंसा की जांच के लिए टीम गठित की गई। इसके तुरंत बाद घटनास्थल पर पर्याप्त रोशनी का इंतजाम करने के बाद ही रीक्रिएिशन किया गया है।
एक दूसरे पर क्रास एफआईआर
आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने बताया कि जांच टीम दोनों FIR की जांच करेगी। जांच के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। बता दें कि लखीमपुर हिंसा मामले में एक FIR हरी सिंह नाम के किसान ने दर्ज कराई थी। इसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र समेत 15-20 लोगों को आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी FIR लखीमपुर के शिवपुरी वार्ड के पार्षद सुमित मोदी ने अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई थी।
लक्ष्मी सिंह ने बताया कि हिंसा से जुड़े हुए अब तक जितने भी वीडियो और फोटोग्राफ्स आई हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है। जांच टीम एक-एक वीडियो की गहराई से जांच करेगी। एडिशनल SP अरुण कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी बन चुकी है। इसमें डिप्टी SP संजय नाथ तिवारी, डिप्टी SP संदीप सिंह और तीन इंस्पेक्टर भी शामिल हैं।
रविवार 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
3 अक्टूबर रविवार को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान मंत्री के काफिले की एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इससे 4 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है।