Lakhimpur Kheri Update : प्रियंका का हिंसा वाली फुटेज दिखाने के वीडियो ने बढ़ाई सरकारी माथे पर शिकन, टेनी की कुर्सी पर शुरू विमर्श
(शाह कोे पूरा घटनाक्रम समक्षाते टेनी)
Lakhimpur Kheri Update (जनज्वार) : भाजपा के कुछ नेताओं में अंदरखाने चर्चा है कि प्रियंका गांधी द्वारा कार चढ़ाने की फुटेज दिखाते हुए वायरल हुआ वीडियो सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहा है। सरकार बैकफुट पर है। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि यूपी में अखिलेश के मुकाबिल प्रियंका बाजी जैसी चीज मार ले गई हैं।
फिलहाल भाजपा वाले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को कोस रहे हैं। उनका कहना है कि मैडम की पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ खास हासिल नहीं होगा, लकिन लोगों की भावनाएं भड़काने में लगी हैं। कई तो बुधवार 6 अक्टूबर को नसीहत देते हुए यहां तक कह रहे कि क्या इस तरह से किसी नेता को मोबाइल फोन उठाकर गाड़ी चढ़ाने का वीडियो दिखाना चाहिए? इससे तो लोग भड़केंगे ही।
आजादी का अमृत उत्सव मनाने लखनउ आ रहे पीएम मोदी से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूछा सीधा सवाल #LakhimpurKheriViolence #AmritMahotsav #PMModi #Lucknow #PriyankaGandhi pic.twitter.com/9FSkgRaw2p
— Janjwar Media (@janjwar_com) October 5, 2021
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के एयरपोर्ट पर ही बैठ जाने को लेकर कहते हैं कि यह किसी समझदार मुख्यमंत्री का काम नहीं हो सकता। बीजेपी वाले कह रहे कि कांग्रेस पार्टी में एक ही समझदार और चापलूसी में भरोसा न करने वाला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ही था और अब वो भी बागी हैं।
वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी (PM Modi) की नजरें टेनी पर टेढ़ी बताई जा रहीं। कहा जा रहा कि, भाजपा के नेता और प्रवक्ता गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) को बचाने और विपक्ष पर वार की चाहे जितनी कोशिश क्यों न कर लें, लेकिन टेनी का केंद्रीय मंत्री का पद बचे रहना मुश्किल लग रहा है। इधर लखनऊ के सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर प्रधानमंत्री को अपनी चिंताएं बता दी हैं।
राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। लखीमपुर खीरी प्रकरण से न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा आहत बताए जा रहे हैं। पूरा प्रकरण किसानों से जुड़ा है और इसलिए टेनी की परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है। सामने आ रहा कि इस प्रकरण में प्रधानमंत्री मोदी कभी भी बड़ा फैसला ले सकते हैं।
आधा घंटा ली गई टेनी से घटना की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी नॉर्थ ब्लॉक में पहली मंजिल पर स्थित अपने कार्यालय में आए और करीब आधे घंटे तक वहां रहे। कुछ आधिकारिक कामकाज करने के बाद मिश्रा नॉर्थ ब्लॉक से रवाना हो गए। इसके बाद वह शाह के आवास पर गए, जहां वह करीब आधे घंटे तक रहे। माना जा रहा है कि अजय मिश्रा ने गृह मंत्री को उत्तर प्रदेश के अपने गृह जिले लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। साथ में अपनी सफाई भी पेश की है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी, नित्यानंद राय के साथ गृह मंत्रालय पहुंचे। पत्रकारों ने इस दौरान इस्तीफा देने को लेकर सवाल पूछा, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
गिरफ्तारी में देरी क्यों?
मामला केंद्र सरकार में मंत्री के परिवार से जुड़ा है। माना जा रहा है कि आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) पर पुलिस और जांच एजेंसी की जांच प्रक्रिया शुरू होते ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ कार्यवाही का दबाव बनने लगेगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश भाजपा और राज्य सरकार पर भी इसकी कुछ न कुछ आंच आएगी। इसलिए सरकार और भाजपा का संगठन दोनों जांच प्रक्रिया, वायरल वीडियो की सच्चाई की जांच का सहारा लेकर काफी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं।
वरिष्ठ सूत्र का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीडि़तों के लिए मुआवजे की घोषणा के बाद मामला ठंडा पड़ने लगा था, लेकिन वायरल हुए वीडियो (New Viral Video) ने इसे फिर से भड़का दिया है। अब देखना है कि आगे क्या होता है।
निश्चित है गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश पुलिस (UPPolice) के एक आला अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं कह दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वह चाहे कितना भी बड़ा चेहरा क्यों न हो? डीएम, एसपी और राज्य सरकार के अधिकारी मामले को लेकर संवेदनशील हैं। सूत्र का कहना है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ चुकी है और अब जल्द ही कार्रवाई में तेजी देखने को मिलेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के पुत्र मामले में आरोपी बनाए गए हैं। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के पुलिस अधिकारियों ने भी उनकी भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं।