Lakhimpur Kheri Violence : आशीष मिश्रा की जमानत पर SC में सुनवाई पूरी, SIT ने सौंपी जांच की रिपोर्ट, यूपी सरकार पर लगाए ये आरोप
Ashish Mishra Surrenders : लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा ने किया सरेंडर, किसानों को कुचलने के मामले में हत्यारोपी हैं केंद्रीय मंत्री के बेटे
Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर खीरी हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) मामले में आज सोमवार 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Cout ) में सुनवाई पूरी हो चुकी है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान जांच के लिए गठित की गई एसआईटी (SIT) ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए यूपी सरकार पर आरोप लगाए।
एसआईटी ने लगाए यूपी सरकार पर आरोप
बात दें कि एसआईटी ने न्यायलय में अपना पक्ष सामने रखा। एसआईटी ने कहा कि हमने किसानों को कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत रद्द करने के लिए यूपी सरकार से दो बार कहा लेकिन आशीष मिश्रा की जमानत रद्द नहीं हुई। वहीं यूपी सरकार (Uttar Pradesh Government) के तरफ से पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि 'मैं मानता हूं कि यह जघन्य अपराध है लेकिन आरोपी आशीष मिश्रा के भागने का खतरा नहीं है इसलिए अदालत सरकार की ओर से निश्चिन्त रहें।'
न्यायधीश ने की ये टिप्पणी
बता दें कि यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील ने आगे कहा कि हमने इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट प्राप्त की है। जिसे राज्य सरकार को भेज दिया गया है। इस पर मुख्य न्यायधीश एन वि रमना ने कहा कि अपने ये नहीं बताया कि चिठ्ठी कब लिखी गई थी और ये ऐसा मामला नहीं है, जिसमें आप इतना इंतजार करें।
बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहबाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। जिसे अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दाखिल की गई अपनी स्टेटस रिपोर्ट्स में कहा है कि एसआईटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को दो बार मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की दो बार सिफारिश की थी लेकिन जमानत रद्द करने पर कोई विचार नहीं किया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सबूत इस बात के पुष्टि करते हैं कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उस जगह पर थे, जिसमें आठ लोग मारे गए थे, और वे अक्टूबर में यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा अपनाए गए मार्ग में बदलाव के बारे में जनते थे।