Lakhimpur Kheri Violence : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की आशीष मिश्रा की जमानत, 1 हफ्ते में करना होगा सरेंडर
Ashish Mishra Surrenders : लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा ने किया सरेंडर, किसानों को कुचलने के मामले में हत्यारोपी हैं केंद्रीय मंत्री के बेटे
Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत खारिज (Ashish Mishra Bail Rejected) कर दी है। अब आशीष मिश्रा को एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा। बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के मुख्य आरोपी है। आशीष मिश्रा पर थार से लखीमपुर (Lakhimpur) में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के दौरान 8 किसानों को रौंदने का आरोप है।
आशीष मिश्रा की जमानत रद्द
बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। अदालत ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है। इसके साथ ही आशीष मिश्रा को जमानत देने वाले इलाहबाद हाई कोर्ट (Allahabad High) के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए इलाहबाद हाई कोर्ट को वापस भेज दिया है।
पिछली सुनाई में सुरक्षित रखा था फैसला
बता दें कि मुख्य न्यायधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वैली पीठ ने 4 अप्रैल को सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि इलाहबाद हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले आशीष मिश्रा 4 महीने हिरासत में रहा था।
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहबाद हाई कोर्ट ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा। पीड़ित पक्ष की सुनी नहीं गई। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाई कोर्ट को फिर से विचार करना चाहिए। वहीं पीड़ित पक्षकारों के वकील दुष्यंत दवे ने आग्रह किया कि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मैटर जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना ठीक नहीं होगा। हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे।
लखीमपुर खीरी में हुई थी हिंसा
बता दें कि किसानों का एक समूह बीजेपी के नेता केशव प्रसाद मौर्य के विरोध में पिछले 3 अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था तभी लखीमपुर खीरी में एक कार ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी।