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Lakhimpur khiri voilence : सुप्रीम कोर्ट की फटकार के आगे झुकी योगी सरकार, कहा कराएंगे पूर्व जज की निगरानी में जांच

Janjwar Desk
15 Nov 2021 4:08 PM IST
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(अदालत के सामने झुकी योगी सरकार)

Lakhimpur khiri voilence : सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में राज्य सरकार ने एसआईटी जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त पूर्व न्यायाधीश से कराने के सुझाव पर सोमवार 15 नवंबर को अपनी सहमति दे दी है...

Lakhimpur khiri voilence : उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में राज्य सरकार ने एसआईटी जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त पूर्व न्यायाधीश से कराने के सुझाव पर सोमवार 15 नवंबर को अपनी सहमति दे दी है। बता दें कि इससे पहले जांच के रवैये के लेकर शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से नाराजगी जाहिर की थी।

चीफ जस्टिस एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एसआईटी जांच में छोटी रैंक के पुलिस अधिकारियों के शामिल होने के मुद्दे को भी उठाया और उत्तर प्रदेश काडर के उन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के नाम भी मांगे जो राज्य के मूल निवासी नहीं हैं ताकि उन्हें जांच टीम में शामिल किया जा सके।

पीठ ने कहा कि उसे संबंधित न्यायाधीश की सहमति भी लेनी होगी और इस सनसनीखेज मामले की निगरानी के लिए शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों के नाम पर भी विचार करना होगा। पीठ ने कहा कि नाम की घोषणा वह बुधवार को करेगी।

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दलील दी कि राज्य को शीर्ष अदालत द्वारा जांच की निगरानी के लिए अपनी पसंद के पूर्व न्यायाधीश की नियुक्ति से कोई समस्या नहीं है, लेकिन वह उत्तर प्रदेश का मूल निवासी नहीं होना चाहिए यह बात मन में नहीं होनी चाहिए क्योंकि संबंधित व्यक्ति एक प्रासंगिक कारक है।

उच्चतम न्यायालय ने आठ नवंबर को जांच पर असंतोष व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि जांच में "स्वतंत्रत और निष्पक्षता" लाने के लिए, एक "अलग उच्च न्यायालय" के एक पूर्व न्यायाधीश को दिन-प्रतिदिन आधार पर इसकी निगरानी करनी चाहिए।

पीठ ने यह भी कहा था कि उसे भरोसा नहीं है और वह नहीं चाहती कि राज्य द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच जारी रखे। लखीमपुर खीरी जिले में तिकुनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नामित किया था।

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