Lane Driving : दिल्ली में लेन ड्राइविंग से थमी बसों की स्पीड, यात्रियों को हो रही हैं परेशानी, कितना सफल हो पाएगा ये नियम?

दिल्ली में लेन ड्राइविंग से कम हुई बस की स्पीड, यात्रियों को हो रही हैं परेशानी, कितना सफल हो पाएगा ये नियम?
Lane Driving : दिल्ली (Delhi) की सडकों पर शुक्रवार 1 अप्रैल से लेन ड्राइविंग (Lane Driving) लागू हो गई है। सहूलियत के साथ साथ दिल्ली सरकार की ये नई व्यवस्था पहले दिन लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बन रही हैं। नया नियम लागु होने के बाद से अब सभी बसें लेन में चल रही हैं। ये नियम बेहतर सड़क व्यवस्था और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए लाया गया है, इससे सड़क हादसों में कमी दर्ज की जाएगी लेकिन इस नियम से आम लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। यात्रियों को यात्रा करने में परेशानी हुई हैं, वहीं सड़कों पर भी कई जगह लंबा ट्रेफिक नजर आया।
लेन ड्राइविंग से थमी बस की रफ्तार
दिल्ली में बसों और माल ढुलाई वाले वाहनों के लिए लेन ड्राइविंग का नियम लागू किया गया है। बसों को अपनी लेन में ही चलना होगा। साथ ही वह किसी अन्य वाहन या बस को ओवर टेक नहीं कर सकते है और बसों को बस स्टैंड पर ही रोकना होगा। एक ही लेन में चलने के कारण एक के पीछे एक कई बसें लगातार खड़ी हो रही हैं। सड़कों पर बसों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। इस नियम के चलते बसों की औसत स्पीड में कमी दर्ज की गई हैं।
बता दें कि एक बस के बस स्टैंड से निकलने के बाद ही दूसरी बस वहां आ सकती है, जिससे बसों की रफ्तार कम हो गई है क्यों वह किसी और बस को ओवर टेक कर आगे नहीं जा सकती है। बस के एक ही लेन में चलने के कारण और स्पीड में कमी के कारण सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है। एक के बाद एक कई बसें होने के कारण दूसरे वाहनों को भी जाम से निकलने में बहुत समय लग रहा हैं, इससे बसों के साथ साथ दिल्ली की रफ्तार भी थम सी गई है।
यात्रियों को करना पड़ रहा हैं परेशानियों का समाना
लेन ड्राइविंग नियम के चलते बसें अपनी मंजिल पर तय समय से लेट पहुंच रही है। यात्रियों को बस के लिए काफी देर इंतजार करना पड़ रहा है। बसों की स्पीड कम होने और लंबे जाम के कारण यात्रियों को अपने तय स्थान पर पहुंचने में देरी हो रही हैं। बसों की लंबी कतारों के कारण कई यात्रियों को पैदल चलना पड़ रहा है। यात्रियों को बसों का इंतजार करना भारी पड़ रहा है तो वह ऑटो, कैब व मेट्रों का सहारा ले रहे हैं। पहले बसों की लगातार आवाजाही के कारण बसों में कम भीड़ देखने को मिलती थी लेकिन अब ट्रेफिक के कारण सुबह दफ्तर जाने के समय पर देर से बस के आने के कारण बस में काफी भीड़ नजर आ रही हैं। अब यात्रिओं को सफर करना है तो उन्हें जल्दी घर से निकलना होगा क्यों बस की स्पीड में कमी के साथ-साथ ट्रेफिक का भी समाना करना होगा।
क्या नियम जारी रख पाएगी सरकार
बात दें कि पहले चरण के तहत 15 अप्रैल तक लेन ड्राइविंग का नियम बसों और माल ढुलाई के वाहनों के लिए लागु किया गया है। 16 अप्रैल से इस नियम को अन्य वाहनों पर भी लागु करने के लिए विचार किया गया है। इस नियम से सड़क में दुर्घनाओं की संख्या में कमी आएगी क्योंकि देशभर में सड़क दुर्घटनाएं ज्यादातर लेन बदलने से होती है इसलिए इस नियम को लागु कर सड़क और नियम व्यवस्था को बेहतर बनाने की पहल की गई है। हालांकि इससे कई समस्याएं भी सामने खड़ी हो रही हैं। अब ऐसे में सवाल यह है कि यह नियम कब तक लागु रह पाएगा, वह भी ऐसे में जब यात्रियों को इस नियम के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सड़कों पर लंबे जाम की स्थिति रोजाना बनी रहेगी।
बता दें कि परिवहन विभाग ने लेन ड्राइविंग को लागू करने के बाद नियमों का उललंघन करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। पहले दिन नियमों की अनदेखी करने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बस लेन खाली रखने को कहा गया है, अगर लेन में दूसरे वाहनों के कारण रुकावट होती है तो बसों की रफ्तार धीमी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ेगा। अगर सभी तयशुदा लेन पर चलें तो वाहनों की आवाजाही और सुलभ होगी।
बता दें कि सोशल मीडिया पर भी लेन ड्राइविंग लागु होने पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियां व्यक्त की गई हैं। कुछ यात्रियों ने कहा कि बस स्टॉप पर बसें इतनी देर से खड़ी हुई कि कुछ भी खरीदकर लौट सकते हैं। किसी ने इस पहल को अच्छा कदम बताया है।










