Liquor Ban in Bihar : मोदी कैबिनेट के इस मंत्री का बयान बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नहीं आएगा रास, जानिए क्या कहा?
Liquor Ban in Bihar : मोदी कैबिनेट के इस मंत्री का बयान बिहार के सीएम नीतीश को नहीं आएगा रास, जानिए क्या कहा?
Liquor Ban in Bihar : बिहार (Bihar) में शराबबंदी (Liquor Ban) लागू है लेकिन शराबबंदी के बावजूद बिहार के हर हिस्से से आए दिन गैरकानूनी तरीके से शराब बेचने की खबरें आती रहती हैं। बिहार में अवैध शराब (Illegal Liquor) भी बड़े पैमाने पर पकड़ी जाती है।
बीते दिनों जहरीली शराब पीने के कारण कई लोगों के मौत की खबरें में आयी है। विपक्ष बिहार में शराब की अवैध बिक्री को लेकर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर लगातार निशाना साधता रहता है। अब एनडीए के ही एक सहयोगी और मोदी सरकार में एक कैबिनेट मंत्री (Cabine Minister) ने शराबबंदी पर ऐसा बयान दिया है जो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कतई रास नहीं आएगी।
पटना में मीडियाकर्मियों (Journalists) से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने शराबबंदी कानून (Liquor Ban Law) पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद इसकी बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है। कोई भी इस तथ्य को नकार नहीं सकता है। उन्होंने कहा है कि किसने कहा कि बिहार में शराब नहीं मिलती? यह राज्य में आसानी से उपलब्ध है।
केन्द्रीय मंत्री पारस ने कहा है कि राज्य में अवैध रूप से शराब उपलब्ध है और यही कारण है कि इतने लोगों को नियमित आधार पर गिरफ्तार किया जा रहा है। पुलिस राज्य में तस्करी कर लाए जाने वाले शराब की खेप को भी जब्त कर रही है।
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा में पिछले महीने ही शराबबंदी संशोधन विधेयक पारित किया गया था और इस विधेयक पर चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने शराबियों को महापापी करार देते हुए उन्हें भारतीय मानने से इनकार कर दिया था। बिहार सीएम ने इस दौरान कहा था कि शराब पीने वाले लोग महाअयोग्य और महापापी हैं। शराब सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।
आपके बता दें कि बिहार में साल 2016 से ही शराबबंदी लागू है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार बिहार के लोगों से शराब नहीं पीने की अपील की है। पर बिहार में आए दिन गैरकानूनी तरीके से शराब बेचे जानी की खबरें आती रहती हैं। बीते दिनों भागलपुर समेत बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबरों के बाद बिहार में शराबबंदी के औचित्य पर विपक्षी दलों ने भी सवाल उठाया था।