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Ludhiana court blast case में बड़ा खुलासा, बड़े हमले के फिराक में था मृतक गगनदीप, अहम सवाल - ब्लास्ट के पीछे किसका हाथ?

Janjwar Desk
25 Dec 2021 5:07 AM GMT
Ludhiana court blast case में बड़ा खुलासा, बड़े हमले के फिराक में था मृतक गगनदीप, अहम सवाल - ब्लास्ट के पीछे किसका हाथ?
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लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के पीछे पंजाब पुलिस के एक पूर्व हेड कांस्टेबल व मृतक गगनदीप का हाथ। ड्रग तस्करी केस में नाम आने के बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

अहम सवाल यह है कि इस ब्लास्ट के पीछे किसका हाथ है। इस अहम सुराग तक पहुंचने में जांच टीम की मगजमारी जारी है। जांच यह पता लगाने में जुटे हैं कि ब्लास्ट के पीछे मास्टरमाइंड कौन है?

Ludhiana court blast case : पंजाब के लुधियाना डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हुए ब्लास्ट मामले की शुरुआती जांच में जुटे अधिकारियों को अहम जानकारी मिली है। जानकारी के मुताबिक इस विस्फोट को खन्ना निवासी मृतक गगनदीप ( Gangandeep ) ने अंजाम दिया था। इस मामले में सुराग मिलने के बीती रात गगनदीप के खन्ना स्थित घर से उसके भाई को पुलिस उठाकर ले गई है। इस समय खन्ना में गगनदीप के घर पर पुलिस मौजूद है। लेकिन अहम सवाल यह है कि इस ब्लास्ट के पीछे किसका हाथ है। इस अहम सुराग तक पहुंचने में जांच टीम की मगजमारी जारी है। जांच यह पता लगाने में जुटे हैं कि ब्लास्ट के पीछे मास्टरमाइंड कौन है?

शुरुआती जांच में पता चला है कि खन्ना निवासी गगनदीप ( Gagandeep ) बड़े हमले के फिराक में था। ब्लास्ट वाली जगह से जांच टीम को गगनदीप का डोंगल मिला था। उसके बॉडी पर टैटू थे। इसके बाद जांच अधिकारियों ने गगनदीप के घर का पता लगाया। पुलिस ने गगनदीप के घर से लैपटॉप और मोबाइल जब्त कर लिया है। इस समय मृतक गगनदीप की भाई से पुलिस की पूछताछ कर रही हैं इस मामले में दोपहर 12 बजे पंजाब के डीजीपी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डिटेल जानकारी देंगे।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक एक टैटू और एक मोबाइल फोन के आधार पर लुधियाना जिला अदालत में विस्फोट स्थल से बरामद शरीर की पहचान पंजाब पुलिस के एक पूर्व हेड कांस्टेबल के रूप में हुई है, जिसे 2019 में कथित ड्रग तस्करी के एक मामले में दर्ज होने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। उक्त मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी।

जांच अधिकारी ने बताया कि उसकी पहचान खन्ना के लल्हेरी रोड निवासी गगनदीप सिंह (30) के रूप में हुई है। खन्ना के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगस्त 2019 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और इस साल सितंबर में जमानत मिलने से पहले दो साल जेल में बिताए गए थे।

पंजाब के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसकी पुष्टि की है। रंधावा ने कहा कि उसके शरीर पर एक टैटू और मौके से बरामद एक मोबाइल फोन से उसकी पहचान की गई है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि टैटू में "खंडा" को दर्शाया गया है, जो एक सिख धार्मिक प्रतीक है।

लुधियानी सीपी ने जताई थी इस बात की आशंका

लुधियाना कोर्ट में बम ब्लास्ट के बाद वहां के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा था कि पुलिस का मानना ​​​​है कि वह व्यक्ति अपने शरीर पर विस्फोटक ले जा रहा था या उन्हें लगाने की योजना बना रहा था। धमाका कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल के वॉशरूम में हुआ था।

खन्ना पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार गगनदीप सिंह उर्फ ​​गग्गी को 11 अगस्त, 2019 को सेक्टर 39 में एक कार से 400 ग्राम हेरोइन कथित रूप से जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था। कार में उसके दो साथी, अमनदीप सिंह और विकास कुमार भी सवार थे। लुधियाना नशा रोधी एसटीएफ ने मोहाली में एनडीपीएस एक्ट की कड़ी धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उन्हें गगनदीप सिंह से ड्रग्स मिला था, जो उन्हें दिल्ली से मंगवाता था। पुलिस ने तब गगनदीप को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से कथित तौर पर 385 ग्राम हेरोइन बरामद की।

लुधियाना में एक अधिकारी जो गगनदीप को गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल थे, ने बताया कि वह आठ साल पहले एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में शामिल हुआ था। उसे हेड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नत किया गया था। गिरफ्तारी से करीब आठ महीने पहले से वह खन्ना में तैनात था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने करीब छह महीने पहले छोटे तस्करों और नशेड़ियों को नशीला पदार्थ बेचना शुरू किया था।

ड्रग्स के चक्कर में गगनदीप जेल में कट्टरपंथी तत्वों के संपर्क में आया था और वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या विस्फोट अगले साल होने वाले पंजाब चुनाव से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि एनआईए की एक टीम ने शुक्रवार शाम खन्ना में गंगनदीप के आवास का दौरा किया, जब उनके परिवार ने उनकी पहचान की।

सीएम चन्नी ने बताया था - बेअदबी और मजीठिया से जुड़े हैं इसके तार

Ludhiana court blast case : बता दें कि गुरुवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि विस्फोट की जांच को स्वर्ण मंदिर में बेअदबी की कोशिश और शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच से जोड़ा जाएगा।

मृतक ही था साजिश का मास्टरमांइड

एनएसजी बॉम्ब स्क्वैड और फॉरेन्सिक एक्सपर्ट्स ने पाया है कि यहां इस्तेमाल हुए बम में उच्च विस्फोटक मौजूद था। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि ब्लास्ट में जिस शख्स की मौत हुई, उसका ही हाथ वारदात के पीछे था। जांच में सामने आए सभी पहलू अभी तक यही इशारा कर रहे हैं कि मृतक ही साजिशकर्ता था। यह विस्फोट अचानक से हो गया, जब बम दुर्घटनावश टॉइलट के अंदर गिर गया। मृतक के शरीर में से एल्युमिनियम और प्लास्टिक शार्पनेल्स पाए गए हैं। बता दें कि गुरुवार को हुए विस्फोट में पूर्व हेड कॉन्सटेबल गगनदीप सिंह की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य घायल हो गए।

आरडीएक्स के इस्तेमाल से इनकार नहीं

बम में किस चीज का इस्तेमाल किया गया था, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। क्योंकि ब्लास्ट की वजह से टॉइलट का वॉटर पाइप फटने से अवशेष बह गए। इसमें RDX की मौजूदगी से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। अब फॉरेन्सिक जांच में ही IED में मौजूद पदार्थ का पता लग सकेगा।

पंजाब की राजनीति में ड्रग्स का एंगल फिर आया सामने

विस्फोट में मरने वाले की पहचान सामने आने के बाद पंजाब की राजनीति में एक बार फिर ड्रग्स एंगल गरमाने वाला है। दरअसल, कोर्ट ब्लास्ट में मारे गए शख्स ही पहचान गगनदीप सिंह के रूप में हुई है। लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि गगनदीप सिंह के लिंक ड्रग्स नेटवर्क से थे। इसके बाद अब जांच की दिशा में भी बदलाव होने की उम्मीद की जा रही है। इस कोर्ट ब्लास्ट को लेकर कई प्रकार की साजिश की आशंका जताई जा रही थी।

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