Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Madhya Pradesh में बदली आजीवन कारावास की नीति, जघन्य अपराधों के दोषियों को नहीं मिलेगी रिहाई

Janjwar Desk
2 Sept 2022 2:32 PM IST
Madhya Pradesh में बदली आजीवन कारावास की नीति, जघन्य अपराधों के दोषियों को नहीं मिलेगी रिहाई
x
मध्य प्रदेश सरकार शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई पावर कमिटी की समीक्षा बैठक में निर्णय किया गया कि बच्ची के साथ रेप, विदेशी मुद्रा से जुड़े अपराध ,सामूहिक दुष्कर्म, दो या दो से अधिक हत्याएं, जहरीली पदार्थ बनाने या बेचने वाले अपराधियों को जीवन भर कारावास में रहना होगा...

Madhya Pradesh News : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आजीवन कारावास नीति से दंडित बंदियों के पूर्व रिहाई के संबंध में समीक्षा बैठक हुई। मध्य प्रदेश में हत्या, आतंकी गतिविधियों में लिप्त,रेप, गैंगरेप, नाबालिग के साथ दुष्कर्म, जहरीली शराब बनाने और कारोबार करने के मामले में दोषियों को आजीवन जेल में रहना होगा। गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई पावर कमिटी की समीक्षा बैठक में निर्णय किया गया कि बच्ची के साथ रेप, विदेशी मुद्रा से जुड़े अपराध, सामूहिक दुष्कर्म, दो या दो से अधिक हत्याएं, जहरीली पदार्थ बनाने या बेचने वाले अपराधियों को जीवन भर कारावास में रहना होगा। आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों को किसी प्रकार की रियायत नहीं मिलेगी। उन्हें आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा।

अभी तक अच्छा आचरण वाले कैदियों के लिए सजा में छूट देने का अधिकार राज्य सरकार के पास था किंतु अब यह प्रावधान आजीवन कारावास से दंडित कैदियों की समय पूर्व रिहाई की प्रस्तावित नीति में किए गए है। जिसके कारण अब आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को किसी भी प्रकार की रियायत नहीं मिलेगी। मध्य प्रदेश सरकार ने कैदियों की कारावास की अवधि निर्धारण के लिए बनाई हुई नीति पर अमल करने का विचार किया है। बता दें कि आजीवन कारावास से दंडित बंदियों की रिहाई के लिए वर्ष 2012 की नीति लागू है।


तीन स्तरीय कमेटी पर होगी रिहाई

मिली जानकारी के अनुसार हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को छूट देने के लिए जेल, जिला और राज्य स्तरीय तीनों कमेटियों में फैसला होगा। बता दें कि डकैती के दौरान हुई हत्या में किसी भी प्रकार की छूट नही दी जाएगी। ऐसे कैदियों को 20 साल की सजा होगी।

जघन्य अपराध और देश द्रोहियों को नहीं मिलेगी रिहाई

ऐसे अपराधी जिसने जघन्य अपराध किए हो, जिनपर राष्ट्र द्रोह, हत्या जैसे मुकदमे चल रहे हो, उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा। ऐसे अपराधी जिनसे दूसरे लोगो का जीवन खतरे में है, देश की शांति भंग हो सकती है, वैसे अपराधियों को रिहा नहीं किया जाएगा। ऐसे में राज्य सरकार इस तरह के अपराधियों की रिहाई रोक सकती है। सीबीआई (Central Bureau of Investigation), NIA (National Investigation Agency ) से मिली सजा वाले कैदियों को भी रिहा नहीं किया जाएगा।

कैदियों की रिहाई की नीति पर विचार करने के लिए गठित की गई थी समिति

सामान्य प्रशासन विभाग ने मई 2022 में अपर मुख्य सचिव (गृह एवं जेल) डा. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों की रिहाई की नीति पर विचार करने के लिए समिति बनाई थी। जिसमे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन किया गया था। जिसके पश्चात नीति प्रस्तावित की गई थी। बता दें कि प्रदेश की 131 जेलों में अभी 12 हजार से अधिक बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। ऐसे बंदियों के संबंध में जो नई नीति तैयार की गई है, उसमें जघन्य अपराधियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। आतंकी गतिविधियों और नाबालिगों से बलात्कार के अपराधियों की सजा 14 वर्ष में समाप्त नहीं होगी।मध्य प्रदेश में ऐसे अपराधियों को अंतिम सांस तक कारावास में ही रहने की नीति बनाई गई है।

अब वर्ष में 4 बार होगी बंदियों की रिहाई

2012 की नीति के अनुसार अभी तक मध्य प्रदेश में वर्ष में दो बार 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन कैदियों की रिहाई होती थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर वर्ष में 4 बार 15 अगस्त, 26 जनवरी, 14 अप्रैल और 2 अक्टूबर को आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की रिहाई होगी। कैदियों की रिहाई की सिफारिश जिला समिति और जेल मुख्यालय की सिफारिश पर की जाएगी।

Next Story

विविध