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मध्यप्रदेश निकाय चुनावों में भी उतरने की तैयारी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM
जनज्वार। बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने के बाद एआईएमआईएम अगले साल होनेवाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में उतरने का एलान कर चुकी है। खबर है कि अब मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में भी सांसद असदुद्दीन ओवैसी की नेतृत्व वाली एआईएमआईएम उतरने की तैयारी कर रही है।
ओवैसी की पार्टी AIMIM मध्य प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य जिलों की सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है।मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी ने मध्य प्रदेश में एंट्री से पहले अपनी स्थिति के संबन्ध में सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद सैयद मिन्हाजुद्दीन को सौंपी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी पुष्टि करते हुए प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ. नईम अंसारी ने कहा है कि पार्टी अगले स्थानीय निकाय चुनावों में संभावनाएं तलाश रही है।
उन्होंने कहा कि खासकर, मुस्लिम बाहुल्य इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट और मंदसौर जिलों में प्रारंभिक तौर पर सर्वे के लिए जल्दी ही पार्टी मुख्यालय हैदराबाद से पदाधिकारी आएंगे। यदि रिपोर्ट पार्टी के पक्ष में रही, तो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी करेंगे। कयास लगाया जा रहा है कि यदि ओवैसी की पार्टी मप्र में चुनाव मैदान में उतरती है, तो नुकसान कांग्रेस और फायदा बीजेपी को होगा, जैसा कि बिहार विधानसभा के हालिया संपन्न चुनावों में हुआ है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में अब तक हुए निकाय चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी ही एक-दूसरे के मुख्य तौर पर प्रतिद्वंदी रहे हैं, हालांकि चुनावों में मायावती की नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी सहित अन्य कई छोटे-बड़े राजनीतिक दल स्थानीय निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं। बता दें कि ओवैसी के अलावा आम आदमी पार्टी की निगाहें भी मध्य प्रदेश की तरफ हैं।
असदुद्दीन ओवैसी की नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने हालिया संपन्न बिहार विधानसभा चुनावों में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए विधानसभा की पांच सीटों पर जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था। इसके अलावा एआईएमआईएम ने कई अन्य सीटों पर भी अच्छे वोट प्राप्त किए थे, जिसका नुकसान महागठबंधन को उठाना पड़ा था।