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मध्य प्रदेश में गरीबों के राशन और किसानों की यूरिया की कालाबाजारी, मुख्यमंत्री ने खुद लिया संज्ञान
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
भोपाल। मध्यप्रदेश में राशन-यूरिया की कालाबाजारी और मिलावट की आ रही शिकायतों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवरों को तल्ख कर दिया है। चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन गैरकानूनी धंधों में लगे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को मंत्रालय में अधिकारियों की बैठक में कहा कि यूरिया और खाद्य सामग्री की कालाबाजारी व मिलावट को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें प्रदेश में ऐसी व्यवस्था स्थापित करनी है, जिससे कालाबाजारी और मिलावट की गतिविधियां शून्य की स्थिति में हों।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, 'किसानों और राशन उपभोक्ताओं के लिए संचालित योजनाओं में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अद्यतन तकनीक का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। सुशासन स्थापित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।'
मुख्यमंत्री चौहान ने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ लगने वाली धाराओं का जिक्र करते हुए कहा कि दोषियों पर विधि सम्मत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इन अपराधियों पर मुकदमे दर्ज हों और उनके वाहन भी राजसात किए जाएं।
मुख्यमंत्री चौहान ने ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को दोषियों के प्रकरण में कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही कालाबाजारी के दर्ज हुए मामलों और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
सूत्रों का कहना है कि किसानों को यूरिया न मिलने, राशन वितरण की व्यवस्था में खामियों की शिकायत मुख्यमंत्री चौहान तक आई है। साथ ही मिलावट की शिकायतें भी आ रही हैं। इससे एक तरफ जहां सरकार की छवि प्रभावित हो रही है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस को सियासी मुद्दा मिलने के साथ जरूरतमंद किसान और गरीबों के अलावा आम लोगों को परेशानी उठाना पड़ रही है।
सूत्रों की मानें तो सरकार आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव के मद्देनजर किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहती। इतना ही नहीं, आमजन के बीच मुख्यमंत्री चौहान सरकार के सख्त तेवरों का संदेश देना चाहती है, लिहाजा इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को हिदायत देने में देरी नहीं की।