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मध्य प्रदेश

सिंधिया पर हमलावर कमलनाथ, कहा ग्वालियर के महल से शुरू हुई कहानी खत्म कर देश को संदेश देने का मौका

Janjwar Desk
2 Nov 2020 10:25 AM IST
सिंधिया पर हमलावर कमलनाथ, कहा ग्वालियर के महल से शुरू हुई कहानी खत्म कर देश को संदेश देने का मौका
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कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा, आने वाली तीन नवंबर को प्रदेश में उपचुनाव हैं, आप सभी जानते हैं कि लोभी, महत्वाकांक्षी, धोखेबाज और दलबदलुओं के कारण यह थोपा हुआ चुनाव है। तीन नवंबर की तारीख न्याय की तारीख होगी...

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उप-चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में ग्वालियर के महल से शुरू हुई कहानी को खत्म कर देश को संदेश देने का मौका है।

ग्वालियर में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कमल नाथ ने कहा, "आज उपचुनाव के प्रचार का समापन मैं वही पर करने जा रहा हूं, जहां से यह कहानी शुरू हुई थी। मैंने पहले ही तय किया था कि हम प्रचार के अंतिम दिन का समापन ग्वालियर में ही करेंगे। आप सभी को पता है कि यह कहानी कौन से महल से, कौन से मकान से शुरू हुई थी? आप सभी को इस कहानी को यही पर खत्म कर देशभर में संदेश देना है।"

कमल नाथ ने आगे कहा, "मैं आप सभी को यह विश्वास दिलाता हूं कि अभी तक कई लोगों ने कांग्रेस छोड़ी है, कइयों ने बाद में कांग्रेस में प्रवेश भी लिया, लेकिन गद्दारों के लिए कांग्रेस में कभी कोई स्थान नहीं है और जो एक बार बिक गया, समझो वह हमेशा के लिए बिक गया।"

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा, "आज ही के दिन एक नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश की स्थापना हुई थी। जब भी मध्यप्रदेश का नाम आता था, सबसे पहले लोग ग्वालियर का नाम लेते थे, क्योंकि मध्यप्रदेश की पहचान ग्वालियर से थी, लेकिन आज मध्यप्रदेश की पहचान ग्वालियर से नहीं हो रही है, आज लोग इंदौर, भोपाल, जबलपुर की बात करते हैं, इसके पीछे आखिर क्या कारण है, कौन इसका दोषी है? जिस मध्यप्रदेश की पहचान पिछले कई वर्षो से ग्वालियर से होती थी, आज वह ग्वालियर पिछड़ क्यों गया? आज मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर हम सभी के सामने यह प्रश्न है? जिस ग्वालियर की इतनी आन-बान-शान थी, वह विकास की दृष्टि से आखिर क्यों पिछड़ गया, हम सबको आज यह सोचने की आवश्यकता है।"

वहीं ग्वालियर में संवाददाता सम्मेलन में कमल नाथ ने कहा, "खुशी इस बात की है कि मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने और खासकर 28 उपचुनाव वाले क्षेत्र के मतदाताओं ने सच्चाई को पहचाना कि देशभर में 60 उपचुनाव हो रहे हैं, जिसमें से 28 उपचुनाव मध्यप्रदेश में हो रहे हैं, इसमें से 25 उपचुनाव तो सौदेबाजी और बिकाऊ राजनीति के कारण हो रहे हैं। आज तक इतने थोक उपचुनाव प्रदेश में, देश में कभी नहीं हुए।

कमलनाथ ने आगे कहा, "मुझे तो विश्वास था कि शिवराज सिंह चौहान अपने 15 वर्ष और वर्तमान सात माह का हिसाब देंगे और जनता समझेगी कि सात माह में इन्होंने ऐसा कौन सा काम किया जो वह अपना निर्णय बदले, लेकिन यह तो उल्टा मुझसे ही 15 माह का हिसाब मांग रहे हैं? मैंने कई बार कहा कि मैं अपना हिसाब जनता के सामने लेकर आ जाता हूं, आप भी हिसाब लेकर आ जाओ, लेकिन यह आज तक हिसाब लेकर नहीं आए।"

विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मतदाताओं से कांग्रेस प्रत्याशियों को उपचुनाव में जिताने की अपील करते हुए आग्रह किया है कि जनता के साथ विश्वासघात करने वालों को सबक सिखाएं, कांग्रेस की सरकार बनाकर कमलनाथ को अपने अधूरे कामों को पूरा करने के लिए एक बार फिर से मौका दें।

अजय सिंह ने अपनी अपील में लिखा है कि "आने वाली तीन नवंबर को प्रदेश में उपचुनाव हैं, आप सभी जानते हैं कि लोभी, महत्वाकांक्षी, धोखेबाज और दलबदलुओं के कारण यह थोपा हुआ चुनाव है। तीन नवंबर की तारीख न्याय की तारीख होगी। पूरे देश को यह बताने का दिन आ गया है कि मध्यप्रदेश के लोग सच्चाई का साथ देना और प्रजातंत्र में न्याय करना जानते हैं।"

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