सर आप हमारे जिले के भगवान हो..दबंगों से हमारी जमीन दिला दो, Dy कलेक्टर के पैरों में गिरकर बुजुर्ग ने मांगा इंसाफ, लेकिन...
(उप जिलाधिकारी के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाता बुजुर्ग)
Ujjain News: मध्य प्रदेश के जिला उज्जैन से एक बुजुर्ग का डीएम (DM) के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने का वीडियो (Video) सामने आया है। वीडियो में वह कहता सुनाई दे रहा है कि, 'जमीन दिलवा दो, आप ही मालिक हैं।'…मंगलवार को मध्य प्रदेश के शाजापुर में डिप्टी कलेक्टर की जनसुनवाई में जो भी कुछ हुआ उसे देख हर कोई दंग रह गया।
80 साल के बुजुर्ग ने कलेक्टर के सामने हाथ जोड़े, गिड़गिड़ाया और पैरों में गिरकर मिन्नतें की लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो सकी। बुजुर्ग की लाचारी यह थी कि वो अपनी जमीन पर दबंगों का कब्जा हटवाना चाहता था। बुजुर्ग की लाचारी की तस्वीरें सोशल मीडिया (Social Media) में भी सामने आई है।
उज्जैन : कलेक्टर के पैरों में गिरा 80 साल का बुजुर्ग
— News24 (@news24tvchannel) March 9, 2022
◆बुजुर्ग की करोड़ों की जमीन पर दबंगों का कब्जा, चक्कर लगाकर हारा तो हाथ जोड़ बोला- 'सर आप ही मालिक हो, हमें बचा लीजिए'@ChouhanShivraj #MadhyaPradesh pic.twitter.com/IxL8g5WDHn
दरअसल, शाजापुर में जनसुनवाई चल रही थी और डिप्टी कलेक्टर अजीत श्रीवास्वत वहां मौजूद थे। जनसुनवाई के दौरान एक 80 वर्षीय दलित बद्रीलाल ने डिप्टी कलेक्टर अजीत श्रीवास्तव के पैर पकड़कर जमीन पर कब्जा दिलाने की गुहार लगाई। बद्रीलाल जनसुनवाई में अपनी पत्नी, बहू और पोतों के साथ आये थे और जनसुनवाई कर रहे डिप्टी कलेक्टर के पैर में गिरकर गिड़गिड़ाने लगे।
बुजुर्ग ने कहा, 'मैं परेशान हो गया हूं, मेरी जमीन दिला दो। इसपर डिप्टी कलेक्टर ने बुजुर्ग से कहा, 'ये किसने बोला,ऐसा करने के लिए खड़े हो, इस तरीके से नहीं किया जा सकता। बुजुर्ग ने कहा कि आप मेरे जिले के भगवान हो। बताया जा रहा कि, बुजुर्ग सालों से प्रत्येक जनसुनवाई में अपनी गुहार लगा चुका हैं।'
इनपुट यह भी है कि, सुनवाई न होने के बाद यह बुजुर्ग कलेक्टर कार्यालय में धरने पर बैठ गये हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन उनकी सुनने के लिए तैयार नहीं हो रहा। डिप्टी कलेक्टर जनसुनवाई में मीडियाकर्मियों पर भी भड़क उठे और उन्हें कवरेज करने से रोक दिया।
ये है पूरा मामला
शाजापुर के बद्रीलाल पुत्र रामाजी की 2 बीघा जमीन कृषि उपज मंडी से के पास में स्थित है। इस भूमि का सर्वे क्रमांक 133 एवं रकबा 0.41 हेक्टेयर है। इस भूमि में से डेढ़ बीघा जमीन पर 2002 में चार फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से कब्जा कर लिया गया। सुनवाई न होने पर बद्रीलाल ने सिविल न्यायालय शाजापुर में वाद दायर किया और सिविल न्यायालय ने चारों रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया।
उसके बाद से लेकर आज तक बद्रीलाल अपनी जमीन पर कब्जा नहीं कर सका। दबंगों ने उनकी डेढ़ बीघा भूमि के अलावा आधा बीघा जमीन पर भी कब्जा कर लिया। बताया जा रहा कि, जमीन बेशकीमती है और आज इसकी कीमत करोड़ों रुपये है। बद्रीलाल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और इतनी उम्र होने के बाद भी बार-बार वह जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहा है लेकिन इस दलित की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही।