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उमा भारती ने सभी भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी की पैरवी की, नीतीश की लगातार जीत का दिया उदाहरण
जनज्वार। भाजपा की वरिष्ठ नेता व मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पूर्ण शराबबंदी की पैरोकारी की है। उन्होंने अपनी पार्टी को सुझाव दिया है कि वह सभी भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी के फैसले को लागू करे। उमा भारती ने यह सलाह ऐसे वक्त में दी है जब उनके गृह प्रदेश मध्यप्रदेश में जहरीली शराब कांड की खबरें मीडिया में सुर्खिया बनी हुई हैं और हाल के दिनों में इससे दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती (@umasribharti) ने शराबबंदी की पैरवी करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भाजपा शासित राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की मांग की है। pic.twitter.com/vDWXW6GON3
— IANS Hindi (@IANSKhabar) January 21, 2021
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती (@umasribharti) ने शराबबंदी की पैरवी करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भाजपा शासित राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की मांग की है। pic.twitter.com/vDWXW6GON3
— IANS Hindi (@IANSKhabar) January 21, 2021
उमा भारती ने कहा कि शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है। शराबबंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है, किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं, छोटी लड़कियों के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं भयावह हैं और देश एवं समाज के लिए कलंक है।
8. कानून व्यवस्था को मेंटेन करने के लिए हजारों करोड़ रूपये खर्च होते हैं समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है इस पर एक डिबेट शुरू की जा सकती है। @BJP4India @BJP4MP
— Uma Bharti (@umasribharti) January 21, 2021
उमा भारती ने जदयू अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उदाहरण देते हुए कहा है कि राजनीतिक दलों पर चुनाव जीतने का दबाव रहता है और बिहार की भाजपा की जीत ने यह साबित किया है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिए।
6. राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है बिहार की भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार जी को दिये।@BJP4Bihar
— Uma Bharti (@umasribharti) January 21, 2021
कानून व्यवस्था को मेंटन करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च होते हैं, समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है, इस पर एक डिबेट शुरू की जा सकती है।
उमा भारती ने इस बात संतोष व्यक्त किया कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या को बढाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान का हवाला दिया है।
1. मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है @ChouhanShivraj जी का यह वक्तव्य अभिनंदनीय है।
— Uma Bharti (@umasribharti) January 21, 2021
मालूम हो कि पिछले दिनों जहरीले शराब कांड के बाद मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री को यह सुझाव देंगे कि गांव में सरकारी लाइसेंसी शराब की दुकानों की संख्या बढायी जाए ताकि जहरीली शराब पीने से मौतों की नियंत्रित किया जा सकता है।