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कौन हैं इमरती देवी जिन्हें कमलनाथ ने कहा आइटम और उनके लिए धरने पर बैठ गए शिवराज?
चुनाव प्रचार करते हुए इमरती देवी।
जनज्वार। मध्यप्रदेश उपचुनाव को लेकर प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान को तेज कर दिया है। दोनों दल के बड़े नेता राज्य का धुआंधार दौर कर रहे हैं और इसी दौरान अपने बयानों और व्यवहार से चर्चा व विवाद में आ जा रहे हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने रविवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी पूर्व कैबिनेट सहयोगी व अब भाजपा की उम्मीदवार इमरती देवी को आइटम बताया। कमलनाथ के इस बयान के बाद सोमवार को भाजपा नेता व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो घंटे के धरने पर बैठ गए हैं।
कमलनाथ ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए कहा: सुरेश राजे जी सरल स्वभाव के सीधे-साधे इंसान हैं। ये उसके जैसे नहीं हैं...क्या नाम है...मैं क्या नाम लूं, आप तो उनको मुझसे ज्यादा जानते हैं, आपको मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए...यह क्या आइटम है। कमलनाथ अपनी इस टिप्पणी के बाद ठठाकर हंस पड़े और उनके साथ अन्य लोग भी हंस पड़े।
Former CM @OfficeOfKNath mocked ex-Cabinet minister Imarti Devi, referring to her as an 'item'! @BJP4India @BJP4MP @khushsundar @vinodkapri @GargiRawat @sharmarekha @NCWIndia @ShonakshiC @ajaiksaran @rohini_sgh @shailendranrb @ChouhanShivraj pic.twitter.com/mPkJdj2StK
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 18, 2020
मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा में कमलनाथ ने चुनाव प्रचार करते हुए यह विवादित बयान दिया। कमलनाथ के बयान के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन पर ताबड़तोड़ हमले किए। शिवराज ने कहा है कि मन वेदना से भरा हुआ है। एक महिला जो मजदूर के रूप में संघर्ष करते हुए मंत्री के पद तक पहुंची हैं, उनके लिए कमलनाथ ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया।
शिवराज ने इसके खिलाफ महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे आज मौन धरना दिया है और उनका यह धरना दिन के 10 बजे से 12 बजे चक चलना है। शिवराज ने कहा है कि हम महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता उनके विचारों और उनकी सीख की धज्जियां उड़ाते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने हमेशा अपने बयानों के माध्यम से अपनी महिला विरोधी सोच का परिचय दिया है। कमलनाथ के कारण पूरे देश में आज मध्यप्रदेश की बदनामी हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के बयान से उनके और कांग्रेस का चाल, चरित्र और असली चेहरा उजागर हुआ है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 19, 2020
मैं मैडम सोनिया गांधी से पूछता हूँ, क्या वे कमलनाथ जी के शर्मनाक बयान से सहमत हैं?
क्या मैडम प्रियंका गांधी वाड्रा अपने वरिष्ठ नेता श्री कमलनाथ के शब्दों का समर्थन करती हैं? pic.twitter.com/Ln7pva2rJt
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस मामले को लेकर आज इंदौर में धरना दिया है। इससे पहले उन्होंने कहा कि दलित समाज से जुड़ी महिला इमरती देवी के लिए किन शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वे मेहनत करके सरपंच बनीं, फिर जिला पंचायत सदस्य बनीं और फिर विधायक बनीं। सरकार में मंत्री बनीं। उन्हें कमलनाथ आइटम और अजय सिंह जिलेबी कहते हैं।
आज देखो किन शब्दो का इस्तेमाल किया जा रहा है,मेरे और आपके परिवार के लिए इमरती देवी जी के लिए,दलित समाज जो जमीन से जुड़ी हुई महिला है जो मेहनत करके सरपंच से लेकर विधायक बनी उन्हें कमलनाथ आइटम और अजय सिंह जलेबी कहते है I pic.twitter.com/Z86Du50Wdi
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 18, 2020
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि आयोग इस मामले में कमलनाथ को नोटिस भेज रहा है और साथ ही इसके लिए चुनाव आयोग को लिख रहा है।
Sending #KamalNath a notice and will be writing to @ECISVEEP. https://t.co/WQWsQpfPFj
— Rekha Sharma (@sharmarekha) October 19, 2020
मजदूरी से मंत्री पद तक पहुंची इमरती देवी
45 वर्षीया इमरती देवी एक बेहद साधारण अनुसूचित जाति परिवार से ताल्लुकात रखती हैं। उनका जीवन संघर्षाें में बीता है। मुख्यमंत्री शिवराज के अनुसार, वे पहले गांव में मजदूरी करती थीं। 1997 में उन्होंने ग्वालियर जिले यूथ कांग्रेस की उपाध्यक्ष के रूप में अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। फिर 2005 में वे डबरा ब्लाॅक कांग्रेस की अध्यक्ष बन गईं।
2008 में वे पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए चुनी गईं। फिर वे 2013 व 2018 में चुनी गईं। 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने पर वे मंत्री बनायी गईं।
इमरती देवी ज्योतिरादित्य सिंधिया की कट्टर समर्थक हैं। इसी साल जब मध्यप्रदेश कांग्रेस में सिंधिया के कमलनाथ-दिग्विजय सिंह से मतभेद बढ गए तो उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बगावत कर दी। सिंधिया के समर्थक विधायकों को बेंगलुरु में रखा गया, जिसमें इमरती देवी भी शामिल थीं। तब बेंगलुरु से ही इमरती ने अपने नेता के समर्थन में बयान दिया था कि अगर सिंधिया साहब उन्हें कुएं में कूदने कहेंगे तो वे उसके लिए भी तैयार हो जाएंगी। बाद में कांग्रेस के सिंधिया समर्थकों विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और कमलनाथ सरकार गिर गई व शिवराज के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी।
सिंधिया के साथ इमरती देवी भी भाजपा में शामिल हो गईं और अब उसके टिकट पर ही चुनाव लड़ रही हैं।