Maharashtra News : नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, ठुकराई गई रिहाई की मांग
नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, ठुकराई गई रिहाई की मांग
Maharashtra News : महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री और एनसीपी (NCP) के नेता नवाब मलिक (Nawab malik) को आज शुक्रवार 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को सुनने से इंकार कर दिया है, जिसमें नवाब मलिक (Nawab malik) ने अपनी तुरंत रिहाई की मांग की थी। बता दें कि नवाब मलिक (Nawab malik) पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) और दाऊद इब्राहिम के करीबियों से संपत्ति खरीदने का आरोप है। गौरतलब है कि नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 23 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 15 मार्च को बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवाब मलिक की रिहाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।
नवाब मलिक की दलील से सहमत नहीं हुए जज
बता दें कि नवाब मलिक की तरफ इ दलील दी गई थी कि उनकी गिरफ्तारी जिस पीएमएलए (PMLA) कानून यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत हुई है, वह 2005 में लागू हुआ था लेकिन जिस मामले में गिरफ्तारी हुई है, वह 1999 का है। नवाब मलिक के तरफ से वरिष्ठ वकील सिब्बल ने दलील दी कि 1999 के मामले के लिए 2022 में इस तरह गिरफ्तार किया जाना गलत है लेकिन जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और सूर्य कांत की बेंच इससे सहमत नहीं हुई।
जांच के चरण में दखल नहीं देगा सुप्रीम कोर्ट
नवाब मलिक के वकील सिब्बल की बातें थोड़ी देर सुनने के बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और सूर्य कांत की बेंच ने कहा कि जांच के इस चरण में सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देगा। नवाब मलिक को जमानत के लिए उचित कोट में आवेदन दाखिल करना चाहिए। वरिष्ठ वकील सिब्बल ने याचिका को खारिज करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की टिप्पणी सिर्फ तत्काल रिहाई के मांग को अस्वीकार करते हुए की गई थी। निचली अदालत केस के तथ्यों के आधार पर जमानत याचिका पर विचार कर सकती है।
6 मई तक बढ़ी जेल हिरासत
नवाब मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें पहले ED की हिरासत में भेजा गया था फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। वहीं अब नवाब मलिक के जेल हिरासत 6 मई तक के लिए बढ़ गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चार्टशीट के वेरिफिकेशन में तेजी लाने का निर्देश दिया है ताकि उनके कॉग्निजेंस की प्रक्रिया जल्द हो सके और आरोपी की चार्टशीट की कॉपी दी जा सके।