Maharashtra Politics : गौतम अडानी से मुलाकात के बाद तीखे तेवर में दिखे उद्धव ठाकरे, बोले संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में शामिल होने पर है गर्व
Maharashtra Politics : गौतम अडानी से मुलाकात के बाद तीखे तेवर में दिखे उद्धव ठाकरे, बोले संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में शामिल होने पर है गर्व
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सरकार गंवाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के वही तीखे तेवर सामने आए जिसके लिए शिव सेना जानी जाती रही है। बुधवार को मुंबई में एक रैली के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना पार्टी खत्म करने की बात करने वालों को करारा जवाब देगी। इसी दिन उद्धव ठाकरे की देश के बहुचर्चित उद्योगपति गौतम अदाणी के साथ भी एक मुलाकात हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास समझे जाने वाले गौतम के साथ उनकी यह अहम मुलाकात उद्धव के खुद के बांद्रा स्थित घर मातोश्री में हुई। मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली।
इस मुलाकात से पहले उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में एक रैली के दौरान शिव सेना के बागी धड़े और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को खास निशाने पर रखते हुए कहा कि शिवसेना पार्टी खत्म करने की बात करने वालों को करारा जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। जल्द ही महाराष्ट्र में भ्रम फैलाने वाली ऐसी ताकतों को माकूल जवाब दिया जायेगा। उन्होंने महाराष्ट्र से गुजरात ले जाए जानी वाली परियोजना वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर संयंत्र को लेकर राज्य सरकार पर झूठ बोलने का भी इल्जाम भी लगाया। ठाकरे के अनुसार गुजरात ले जाए जाने के बाद केंद्र इस परियोजना को कुछ ज्यादा ही बढ़ावा दे रही है। यह महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा है।
वंशवाद की राजनीति को लेकर भाजपा की तरफ से की जा रही आलोचना पर ठाकरे ने भाजपा को ही निशाने पर रखते हुए कहा कि मुझे संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भाग लेने वाले अपने परिवार पर गर्व है। उद्धव ठाकरे ने आगामी मुंबई नगर निकाय चुनाव में भाजपा को उनकी पार्टी को हराने की चुनौती देते हुए कहा कि मुंबई के साथ शिवसेना का संबंध अटूट है, भाजपा किसी गलतफहमी में न रहे।
महाराष्ट्र में बुधवार को चले इसी घटनाक्रम के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्होंने उद्धव पर पलटवार किया। यहां उन्होंने उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए दावा किया कि वह ही बाला साहेब के आदर्शों को वास्तव में आगे ले जा रहे हैं। बाला साहेब ठाकरे के विचारों से अल्पलाभ के लिए सौदा करने वाले हमें विश्वासघाती बता रहे हैं।
इस मामले में उद्धव ठाकरे के पुत्र व महाराष्ट्र के फायर ब्रांड युवा तुर्क नेता आदित्य ठाकरे की भी नाटकीय एंट्री हो चुकी है। बुधवार को ही शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि यहां वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का निर्माण कर रही कंपनी तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में इस परियोजना से जुड़े लोगों की नौकरियों के लिए इंटरव्यू ले रही है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर सवाल उछलते हुए पूछा कि वह बताएं कि ऐसा उनकी सहमति हो रहा है या नहीं ? उद्धव सरकार में पूर्व मंत्री रहे आदित्य ठाकरे ने कहा कि बांद्रा और वर्सोवा को जोड़ने वाला सी लिंक पुल महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम की एक परियोजना है। इसकी निगरानी मुख्यमंत्री के तहत होती है। लेकिन इसके बाद भी इस पर काम कर रही कंपनी ने चेन्नई के रामदा प्लाजा में इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों को परियोजना के वास्ते साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया है। उनका सवाल था कि इन नौकरियों के लिए होने वाले यह साक्षात्कार महाराष्ट्र के किसी शहर में आयोजित क्यों नहीं किए गए ? जूनियर ठाकरे का मौजूदा सरकार पर यह भी खुला इल्जाम था कि महाराष्ट्र को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि ठाकरे से पहले कई विपक्षी दलों ने वेदांत-फॉक्सकॉन के मुद्दे पर शिंदे सरकार को घेरने की कोशिश की थी। वेदांत-फॉक्सकॉन ने अरबों रुपये की अपनी एक परियोजना को महाराष्ट्र के बजाय गुजरात में स्थापित करने का फैसला किया है। जिसके बाद से मौजूदा एकनाथ शिंदे सरकार लगातार बचाव की मुद्रा में है तो उद्धव ठाकरे सहित कई विपक्षी नेता इसे महाराष्ट्र की जनता के साथ विश्वासघात बताते हुए इसे मराठी अस्मिता से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव की दहलीज पर बैठी भारतीय जनता पार्टी के लिए महाराष्ट्र में यह नई मुसीबत है, जिसकी काट उसे फिलहाल ढूंढे नहीं मिल रही है।