Mann Ki Baat : 8 साल में सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री की 'मन की बात' का 87वां एपिसोड, क्या-क्या बोले?
(पीएम मोदी ने मन की बात के 87वें एपिसोड को किया जारी)
Mann Ki Baat : नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पत्रकारों के सवाल के जवाब देने के बजाए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर इशारा कर गए थे। लेकिन उनका 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम अनवरत जारी है। आज प्रधानमंत्री ने मन की बात के 87वीं कड़ी की जारी किया।
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि भारत ने 400 बिलियन के निर्यात के लक्ष्य को हासिल किया है। मोदी ने कहा कि एक समय में भारत से एक्सपोर्ट का आंकड़ा कभी सौ बिलियन, कभी डेढ़ सौ बिलियन, कभी डेढ़ सौ बिलियन, कभी दो सौ बिलियन तक हुआ करता था, आज भारत चार सौ बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। बता दें कि नरेंद्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने आठ साल के कार्यकाल के दौरान सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, इससे पहले प्रधानमंत्री चाहे डॉ. मनमोहन सिंह हों या अटल बिहारी वाजपेयी या अन्य कोई प्रधानमंत्री, सभी समय-समय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिया करते थे।
पीएम मोदी के मन में क्या बात
- रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून' पानी बचाने के इस काम में मुझे बच्चों से बहुत उम्मीद है | स्वच्छता को जैसे हमारे बच्चों ने आंदोलन बनाया, वैसे ही वो 'Water Warrior' बनकर, पानी बचाने में मदद कर सकते हैं। साथियो, हमारे देश में जल संरक्षण, जल स्रोतों की सुरक्षा, सदियों से समाज के स्वभाव का हिस्सा रहा है | मुझे खुशी है कि देश में बहुत से लोगों ने Water Conservation को life mission ही बना दिया है।
- पूरे गुजरात में अनेकों बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया | इससे इन इलाकों में वाटर लेवेल (water level) को बढ़ाने में भी काफी मदद मिली | ऐसे ही अभियान आप भी स्थानीय स्तर पर चला सकते हैं।
- मैं तो उस राज्य से आता हूँ, जहाँ पानी की हमेशा बहुत कमी रही है | गुजरात में इन Stepwells को वाव कहते हैं | गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है | इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए 'जल मंदिर योजना' ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई
- Check Dam बनाने हों, Rain Water Harvesting हो, इसमें Individual प्रयास भी अहम हैं और Collective Efforts भी जरूरी हैं। जैसे आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। कुछ पुराने सरोवरों को सुधारा जा सकता है, कुछ नए सरोवर बनाए जा सकते हैं। मुझे विशवास है, आप इस दिशा में कुछ ना कुछ प्रयास जरूर करेंगे।
- "मेरे प्यारे देशवासियो, 'मन की बात' उसकी एक खूबसूरती ये भी है कि मुझे आपके सन्देश बहुत सी भाषाओं, बहुत सी बोलियों में मिलते हैं।
- भारत की संस्कृति, हमारी भाषाओं, हमारी बोलियाँ, हमारे रहन-सहन, खान-पान का विस्तार, ये सारी विविधताएँ हमारी बहुत बड़ी ताकत है।
- पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक भारत को यही विविधता, एक करके रखती हैं , एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाती हैं। इसमें भी हमारे ऐतिहासिक स्थलों और पौराणिक कथाओं, दोनों का बहुत योगदान होता है।
- माधवपुर मेला कहाँ लगता है? क्यों लगता है? कैसे ये भारत की विविधता से जुड़ा है? ये जानना "मन की बात" के श्रोताओं को बहुत interesting लगेगा....एक सप्ताह तक भारत के पूरब और पश्चिम की संस्कृतियों का ये मेल, ये माधवपुर मेला, एक भारत - श्रेष्ठ भारत की बहुत सुन्दर मिसाल बना रहा है। मेरा आपसे आग्रह है, आप भी इस मेले के बारे में पढ़ें और जानें।