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Mark Zuckerberg News: मार्क जुकरबर्ग को महंगा पड़ा दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल, रूस ने फेसबुक की पैरेंट कम्पनी मेटा को डाला आतंकी संगठनों की सूची में

Janjwar Desk
11 Oct 2022 10:09 PM IST
Mark Zuckerberg News: मार्क जुकरबर्ग को महंगा पड़ा दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल, रूस ने फेसबुक की पैरेंट कम्पनी मेटा को डाला आतंकी संगठनों की सूची में
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Mark Zuckerberg News: लोकप्रिय सोशल साइट फेसबुक की आड़ में दूसरे देशों की राजनीति को प्रभावित करने के आरोपों से घिरे फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग की नई मुश्किलें विश्व की महाशक्ति रूस की तरफ से खड़ी होना शुरू हो गई हैं।

Mark Zuckerberg News: लोकप्रिय सोशल साइट फेसबुक की आड़ में दूसरे देशों की राजनीति को प्रभावित करने के आरोपों से घिरे फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग की नई मुश्किलें विश्व की महाशक्ति रूस की तरफ से खड़ी होना शुरू हो गई हैं। रूस ने जुकरबर्ग के स्वामित्व वाली फेसबुक की पेरेंट्स कम्पनी को आतंकी लिस्ट में डाल दिया है। एक समय में दुनिया के सबसे बड़े तीन अमीरों की लिस्ट में शामिल हो चुके मार्क जुकेरबर्ग के स्वामितत्व वाली मेटा कम्पनी जो कि लोकप्रिय सोशल साइट फेसबुक के साथ ही इंस्टाग्राम का संचालन करती है, को आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों की लिस्ट में डाल दिया है। इससे आठ महीने पहले ही रूस मार्च में ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा चुका था।

रूस की यह कार्यवाही मेटा की फेसबुक व इंस्टाग्राम द्वारा उसके अपने देश की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करने की कोशिशों के लिए की गई है। रूस ने इसी साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था। जिसके बाद रूसी अधिकारियों ने पाया कि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स रूस के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। रूस में इंस्टाग्राम विज्ञापन और सेल्स के लिए बहुत अहम व लोकप्रिय प्लेटफॉर्म था। लेकिन रूस ने कड़ा निर्णय लेते हुए अपने देश की संप्रभुता पर हमला करने वाले पश्चिमी देश आधारित इन दोनो प्लेटफॉर्म्स को एक झटके में देश से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि रूस की यह कार्यवाही उस समय हुई है जब मेटा द्वारा संचालित फेसबुक को टिकटॉक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स से कड़ी टक्कर मिल रही है।

यहां बता दे कि भारत में भी फेसबुक पर चरमपंथियों को हवा देने के आरोप लगते हैं। भारतीय जनता पार्टी व हिंदुत्व विचारधारा के फेसबुक पेजों को प्रोत्साहन में सत्ता विरोधी विचारों पर पहरा, उनके पेज डिलीट कर देना, उनकी पोस्ट की रीच घटा देना जैसे इल्जाम फेसबुक पर खुलेआम लगते हैं। 18 साल पुरानी इस कंपनी से तमाम यूजर्स इन्हीं आरोपों की वजह से टिकटॉक और यूट्यूब की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। इस कारण कंपनी का रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस साल कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इससे मेटा के सीईओ जुकेरबर्ग की नेटवर्थ भी प्रभावित हुई है। लंबे समय तक दुनिया के टॉप तीन अमीरों की लिस्ट में शामिल रहे जुकेरबर्ग अब 23वें नंबर पर खिसक गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ 50.3 अरब रह गई है। इस साल उनकी नेटवर्थ में 75.2 अरब डॉलर की गिरावट आई है।

स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फेसबुक में पहली बार छंटनी की नौबत आ रही है। हालांकि कई वर्षों तक इस कंपनी ने रेकॉर्ड ग्रोथ दर्ज करते हुए निवेशकों की जबरदस्त रिटर्न दिया। लेकिन इस साल कंपनी की तिमाही रिपोर्ट्स अच्छी नहीं रही हैं। हालत यह हो गई है कि फेसबुक में पहली बार छंटनी होने जा रही है। जुकेरबर्ग ने कर्मचारियों की छंटनी के संकेत दिए हैं। कंपनी ने मई में ही इंजीनियरों और डेटा साइंटिस्ट्स की हायरिंग बंद कर दी थी। जुलाई में जुकेरबर्ग ने कर्मचारियों से कहा था कि उनके लिए अगले 18 से 24 महीने चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। जुकेरबर्ग के साथ हाल में हुई मीटिंग में शामिल कर्मचारियों के मुताबिक सभी मैनेजरों से बजट में कटौती करने को कहा गया है। उन्होंने नई भर्तियां नहीं करने या छंटनी करने को कहा गया है। इस बीच फेसबुक मेटावर्स प्रॉडक्ट्स को आक्रामक तरीके से प्रमोट कर रहा है। यही कारण है कि कंपनी का फाइनेंस प्रभावित हुआ है। साथ ही फेसबुक को दूसरी कंपनियों से भी कड़ी टक्कर मिल रही है। इस कारण कंपनी की विज्ञापन से होने वाली कमाई प्रभावित हुई है।

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