Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

चीन की कंपनी को मोदी सरकार ने दिया मेरठ-दिल्ली हाईस्पीड रेल बिछाने का ठेका

Janjwar Desk
4 Jan 2021 2:22 PM IST
चीन की कंपनी को मोदी सरकार ने दिया मेरठ-दिल्ली हाईस्पीड रेल बिछाने का ठेका
x
एनसीआरटीसी के मुताबिक एजेंसियों द्वारा इसके लिए बोली लगाई गई थी और इसके लिए विभिन्न स्तरों पर स्वीकृति लेनी होती है, इस बोली को निर्धारित प्रक्रिया और दिशानिर्देशों के बाद ही इजाजत दी गई थी....

नई दिल्ली। कोविड 19 महामारी के बीच 5 मई को जब भारतीय सेना और चीनी सेना के लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी संघर्ष हुआ तो इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। यह मामला जब तूल पकड़ा तो विपक्षी राजनीतिक दलों ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक में कहा था कि यहां न कोई घुसा है और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में हैं।

यही नहीं इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर बढ़ने का आह्वाहन किया था। जिसके बाद देशभर में चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया गया था। उस वक्त सरकार ने चीन के के साथ व्यापार को कम किया था। सीमा पर विवाद और दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम का ठेका चीनी कंपनी को होने की वजह से इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गई थी। तब आरएसएस से जुड़ संगठन स्वदेशी जागरण ने भी इस प्रोजेक्ट को खत्म करने की मांग की थी। लेकिन अब इसी प्रोजेक्ट का ठेका आरआरटीसी (रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम) को दिया गया है।

खबरों के मुताबिक एनसीआरटीसी (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) ने दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम का ठेका चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को दिया है। यह कंपनी न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 5.6 किलोमीटर सुरंग का निर्माण करेगी।

एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'कई एजेंसियों द्वारा इसके लिए बोली लगाई गई थी और इसके लिए विभिन्न स्तरों पर स्वीकृति लेनी होती है। इस बोली को निर्धारित प्रक्रिया और दिशानिर्देशों के बाद ही इजाजत दी गई थी।' उन्होंने कहा, 'इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।'

केंद्र सरकार ने दिल्ली और मेरठ के बीच सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को फरवरी 2018 में मंजूरी दी थी. 82.15 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को पूरा करने में कुल 30,274 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली और मेरठ तक के सफर में लगने वाला समय कम हो जाएगा। 82.15 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस में 68.03 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 14.12 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा।

Next Story

विविध