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राष्ट्रीय

370 article abrogation : 370 हटने के बाद कश्मीर में किसी बाहरी ने नहीं खरीदी एक बित्ता भी जमीन, मोदी के मंत्री ने खुद बताया संसद में

Janjwar Desk
16 Dec 2021 4:26 AM GMT
370 article abrogation : 370 हटने के बाद कश्मीर में किसी बाहरी ने नहीं खरीदी एक बित्ता भी जमीन, मोदी के मंत्री ने खुद बताया संसद में
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370 article abrogation : जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से अब तक बाहर के लोगों ने कुल 7 प्लॉट खरीदे हैं। ये सभी प्लॉट जम्मू डिविजन में हैं।

370 article abrogation : नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ( Nityanand Rai ) ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में संसद बताया कि जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) से संविधान के अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) के निरस्त होने के बाद से अब तक बाहर के लोगों ने कुल 7 प्लॉट खरीदे हैं। ये सभी प्लॉट जम्मू डिविजन में हैं। यानि अनुच्छेद 370 हटने के ढाई साल बाद भी कश्मीर घाटी ( Kashmir Valley ) में बाहरी लोगों ने अभी तक एक भी प्लाट नहीं खरीदा है।

मार्च, 2021 केंद्र सरकार ने संसद को बताया था कि 1990 से अब तक लगभग 3,800 प्रवासी कश्मीर लौटे थे। वहीं नवंबर में, नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने बाद से 1,678 प्रवासी लौटे थे।

89% मामलों में कश्मीरी पंडितों की हत्या की

हरियाणा के पानीपत के पीपी कपूर द्वारा दायर एक RTI का जवाब देते हुए श्रीनगर जिला पुलिस मुख्यालय ने बताया कि आतंकियों ने पिछले तीन दशक में 1,724 लोगों की हत्या की है, जिनमें से 89 कश्मीरी पंडित और बाकी अन्य धर्मों के लोग शामिल हैं। इनमें मुस्लिम भी शामिल हैं। पीपी कपूर की RTI के जवाब में यह भी बताया गया है कि 1,54,161 लोगों ने राज्य से पलायन किया है, जिसमें 1,35,426 यानी 88 फीसदी कश्मीरी पंडित और 12% अन्य धर्मों के लोग हैं। RTI में पलायन के बाद घर वापसी करने वाले कश्मीरी पंडितों और अन्य की संख्या नहीं बताई गई है।

सिर्फ जम्मू में बाहरी लोगों ने खरीदे 7 प्लॉट

गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक केंद्रशासित प्रदेश में अब तक कुल 7 प्लॉट ही खरीदे गए हैं। सारे के सारे 7 प्लॉट जम्मू डिविजन में ही खरीदे गए हैं।

केंद्र ने नहीं किया एक भी वादा पूरा

पलायन करने वालों और लौटने वालों की संख्या के बीच के अंतर को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि आपको वोट बैंक मानने वालों ने बड़े-बड़े वादे किए थे। उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया। घाटी की हकीकत को मुंह मोड़ने का काम हो रहा है।

ज भी 84 हजार को नहीं मिलती है सरकारी राहत

RTI में यह बात भी सामने आई है कि जिन लोगों ने पलायन किया था उनमें से लगभग 84 हजार को सरकारी राहत नहीं मिलती है। जिन लोगों को सरकारी सहायता मिली है उनमें से लगभग 54 हजार हिंदू और लगभग 11 हजार मुसलमान हैं। बाकी सिख और अन्य समुदायों के हैं।

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