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Mohan Bhagwat ने हिंदुओं की घटती संख्या पर जताई चिंता, कहा - 'हिंदू बने रहना चाहते हैं तो भारत को अखंड भी रहना होगा'

Janjwar Desk
28 Nov 2021 4:39 AM GMT
Mohan Bhagwat ने हिंदुओं की घटती संख्या पर जताई चिंता, कहा - हिंदू बने रहना चाहते हैं तो भारत को अखंड भी रहना होगा
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हिंदू और भारत अलग-अलग नहीं हो सकते हैं। अगर देश से आप खुद को अलग कर लें तो आपका कोई इतिहास नहीं होगा।

गवालियर न्यूज। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत ( RSS Chief Mohan Bhagwat ) ने हिंदुओं की घटती संख्या पर चिंता जताई है। उन्होंने दावा किया कि हिंदुओं की संख्या और ताकत दोनों घट रही है। ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करके हुए संघ प्रमुख ने ये बातें कही है। मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) ने कहा कि हिंदुत्व की भावना कम हो गई है। अगर हिंदू ( Hindu ) बने रहना चाहते हैं तो भारत को 'अखंड' बनना होगा।

हिंदुओं को देश से अलग कर देंगे तो आपका इतिहास नहीं रहेगा

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ( RSS Chief Mohan Bhagwat ) ने कहा कि हिंदू और भारत अलग-अलग नहीं हो सकते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत को भारत रहना है तो भारत को हिंदू रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना हिन्दू ( Hindu ) नहीं। उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं की शक्ति कम होगी तो भारत कमजोर होगा। अगर हम हिंदुओं को देश से अलग कर देंगे तो कोई इतिहास नहीं रहेगा।

नोएडा में इस बात पर दिया था जोर

ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ संघ के कई बड़े नेता और प्रदेश के कई नेता भी भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। यह पहली बार नहीं है जब मोहन भागवत ने हिंदुओं को लेकर इस तरह से चिंता जताई हो। इससे पहले 25 नवंबर को नोएडा में संघ प्रमुख ने कहा था कि भारत ने बंटवारे के समय एक बड़ा झटका देखा था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता और जिसे कभी दोहराया नहीं जाएगा। बंटवारे के दर्द को भूलने के लिए विभाजन को मिटाना होगा।

हमारी विचारधारा सबको साथ लेकर चलने की है

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत की विचारधारा सबको साथ लेकर चलने की है। यह कोई विचारधारा नहीं है जो खुद को सही और दूसरों को गलत मानती है।इस्लामिक आक्रमणकारियों की विचारधारा दूसरों को गलत और खुद को सही मानने की थी। अंग्रेजों की सोच भी एक जैसी थी। यह अतीत में संघर्ष का मुख्य कारण भी यही था। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि यह 2021 का भारत है। 1947 का नहीं। बंटवारा एक बार हुआ है, दोबारा नहीं होगा। जो लोग सोचते हैं वे खुद बर्बाद हो जाएंगे।

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